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Thursday, November 28, 2024

संस्कृति विवि में हुआ ‘उप्र साइबर सेफ अभियान’ का शुभारंभ

संस्कृति विवि में हुआ ‘उप्र साइबर सेफ अभियान’ का शुभारंभ

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान राज्य में डिजिटल सुरक्षा जागरूकता और साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से ‘उप्र साइबर सेफ अभियान’ का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के इलेक्ट्रानिक एवं आईटी मंत्री सुनील शर्मा ने इस मौके पर वर्तमान साइबर सुरक्षा खतरों के बीच भी, भारतीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की बढ़ती वैश्विक मांग पर प्रकाश डालते हुए चुनौतियों को अवसर के रूप में देखने की प्रधान मंत्री की नीति पर जोर दिया।
संस्कृति विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल कॉलेज फॉर सिक्योरिटी स्टडीज (आईसीएसएस) की इस महत्वपूर्ण पहल के मौके पर आईटी मंत्री ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी का क्षेत्र ऐसा है जहां विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अनेक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा सबके लिए एक चुनौती है इसपर सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि आज सारा विश्व साइबर अटैक की चुनौतियों से जूझ रहा है। हमें भी इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने इस मौके पर आईटी मंत्री से संस्कृति में एक एक्सीलेंसी सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता बताई। विशिष्ठ अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. पुनीत मिश्रा ने आज की दुनिया में साइबर सुरक्षा की चुनौतियों के बारे में बताया, विशेष रूप से मोबाइल फोन के उपयोग के माध्यम से इन खतरों को बढ़ाने में मानव व्यवहार की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक लचीले साइबर सुरक्षा ढांचे के निर्माण में शिक्षा और अनुसंधान की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। इंटरनेशनल कॉलेज फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के अध्यक्ष डॉ. राज सिंह नेहरा ने साइबर सुरक्षा क्षेत्र में करियर विकल्पों पर जोर दिया। डॉ. नेहरा ने डिजिटल स्पेस की सुरक्षा में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए, इस नेक काम के लिए संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इन पाठ्यक्रमों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि डिजिटल फोरेंसिक और एथिकल हैकिंग जैसे पाठ्यक्रम केवल अकादमिक ऐड-ऑन नहीं हैं, बल्कि साइबर कार्यबल के निर्माण के लिए व्यावहारिक उपयोगिताएँ हैं जो एक सामान्य डिग्री छात्र की तुलना में नौकरी के लिए उपयोगी हैं। उद्योग अनुरूप पाठ्यक्रम में शिक्षित होने से उन्हें आईसीएसएस सहित आईटी फर्मों में नियुक्ति के बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के इलेक्ट्रानिक एवं आईटी मंत्री सुनील शर्मा ने साइबर सुरक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों को पूर्ण करने वाले संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। ईसी-काउंसिल के कार्तिक अत्री, संस्कृति विवि के कुलपति डॉ. एम.बी. चेट्टी ने भी अपने उद्बोधन दिए। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग विभाग की ज्योति यादव ने किया।

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