संस्कृति विवि में वक्ताओं ने बताया बेहतर के लिए इंजीनियरिंग का महत्व
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय और आईईईई यूपी(IEEE UP Section) अनुभाग के सहयोग से, “बेहतर के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना” विषय के तहत एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं ने विद्यार्थियों को बताया कि प्रौद्योगिकी कैसे नवाचार को बढ़ावा दे सकती है। वक्ताओं ने छात्रों और शिक्षकों के लिए इंजीनियरिंग के भविष्य और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर चर्चा के साथ एक स्थायी और नवोन्मेषी भविष्य के निर्माण का रास्ता दिखाया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एम.बी.चेट्टी ने ने अपने उद्घाटन भाषण में आज की दुनिया में रचनात्मकता और नवीनता के महत्व पर जोर दिया। इंजीनियरिंग स्कूल की डीन प्रो.(डॉ.)एस.वैराइचिल्लई ने बताया कि कैसे हम अपने विचार साझा कर नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं और रचनात्मक विचारों का समर्थन कर सकते हैं। प्रो.(डॉ.)पंकज कुमार गोस्वामी ने उभरते हुए व्यावहारिक अनुप्रयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि रचनात्मक तकनीक नवाचार को प्रेरित करती है। उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योकिकियां और उनकी क्षमताएं कैसे काम करती हैं। उन्होंने बाक्स थिंकिंग को व्यवहारिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया और बताया कि जटिल तकनीकि समस्याओं को कैसे सुलझाया जा सकता है। आईईईई समन्वयक और संस्कृति स्कूल आफ इंजीनिरिंग एंड इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी की प्रोफेसर प्रो गरिमा गोस्वामी ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रचनात्मकता नवाचार को बढ़ावा देती है। कार्यक्रम का संचालन अंजलि सिंह ने किया। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों को उपयोगी बनाने और संचालित करने में विशाल, शिवम अग्रवाल, कार्तिक तिवारी, दिशा सिंह, अंजलि सिंह, शिव राम कृष्ण मेडेकुंडा, कुणाल मनोहरदास वैष्णव, नंदिता मिश्रा, अर्पित सक्सेना, कल्याणी गुप्ता ने विशेष योगदान दिया। डा. रीना रानी ने अंत में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बताते हुए कार्यक्रम में भाग लेने वाले अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।