भर होरी के बीच सजन समधियानै आयौ
बरसाना: नंदगांव कौ पांडौ ब्रज बरसाने आयौ, भर होरी के बीच सजन समधियानै आयौ। कान्हा के होरी खेलबे आवे की सूचना लैके आए पांडौ के स्वागत कू सबरौ बरसानौ आतुर ठाडो है। कान्हा के दूत पंडा ते पूछवे में लगे हैं। कब आवांगे संग में कौन कौन से सखा आय रहे हैं। ललिता कह रही है धनसुखा आवे तो बाय बांध के नचावेंगे। विशाखा कह रही है मनसुखा कूं तो टेसू के रंग ते भरी नांद में ही फेंक दिगें। ऐसे ऐसे विचारन ने मन में लाय के राधा की सब सखी हर्षाय रही हैं। या खुशी के उल्लास में सखिन ने बिचारे पंडा की खेंच तान कर रखी है। पांडा बरसाने आयके प्रसन्न तो भारी है पर इन सखिन के उल्लास के मारे घबराऊ रए है। जाने कैसे पार परैगी इन सखियन ते। बडी दयालु हैं भानु नंदिनी किशोरी जी जिनके मन में पंडा की दशा देख करुणा आये रही है। और किशोरी जी ने अपनी सखियन कूं समझाय के पंडन कूं छुडायौ है तब कहीं जायके बिचारौ बाबा ने पंडन के खाबै कूं लड्डू मंगाए है। बरसाने में जाय पतौ परी बुई लड्डू लै के भानु भवन की तरफ चल दियौ है। देखत ही देखत सबरौ बरसानौ लड्डुन ने लै के भानु भवन में जाय पहुंचौ है। ई तो बडौ अचंभो है गयौ दसेन मन लड्डू आय गए। और खाबे बारौ बस एक पंडा और बू भी कान्हा को बूढौ काका। बिचारौ कितेक खाबे। ना खाबै तो छोरा की सुसरार में बडी नीची होय। पर पांडा भी बहुत तेज माथे बारौ है बानै खुशी ते नाचवौ शुरु कर दीनौ है। पांडा मस्ती में नाचत जा रह्यौ है और संग में लड्डुन ने लुटावै लग रह्यौ है। इधर बरसाना के नर नारी गाये रहे हैं कि नंदगांव कौ पंडा ब्रज बरसाने आयौ, भर होरी के बीच सजन समधियानै आयौ। मोदकों के मेह में मस्ती से नाचा पंडा हर्षाया बरसाना, मस्ती का गुलाल नंदगांव तक पहुंचा लड्डू होली पर उमडा बरसाना में जनसैलाब उमड़ा । लठामार रंगीली होली के ठीक एक दिन पहले लाडिली जी मंदिर का नजारा ही न्यारा है। गुलाल और अबीर के बादल उड रहे हैं। केसर की खुशबू से समूचा भानु भवन महक रहा है। गोस्वामी समाज के लोग ऊंचे स्वर में ढप और मृदंग की संगत आदि पर कवियों की वाणी का गायन कर रहे है। नंदगांव से कान्हा के आगमन की सूचना देने आया पंडा मस्ती से झूम कर नाच रहा है। आस्था, उल्लास व मस्ती की त्रिवेणी की लहरें करोडों कामदेवों के पांव उखाड रही है। इस अद्भुत नजारे को देखकर हजारों श्रद्धालु खुद को कृतार्थ कर रहे हैं।