सफलता का मंत्र है नियमित अभ्यास:अरुण पांचजन्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मथुरा विभाग प्रचारक अरुण पांचजन्य ने कृष्ण भाग के शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में बोलते हुए कहा की नियमित अभ्यास के द्वारा सफलता को प्राप्त किया जा सकता है। संघ के संस्थापक परम पूजनीय डॉक्टर हेडगेवार जी ने जो नियमित अभ्यास का मार्ग हमें दिखाया है उसके द्वारा हम लक्ष्य प्राप्ति कर सकते हैं आगे बोलते हुए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज स्वयंसेवकों ने कृष्ण भाग के इस शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में जो सामूहिक और अनुशासित प्रदर्शन किया है। वह उनके नियमित अभ्यास का परिणाम है। कबीर दास जी के दोहे को उदाहरण के तौर पर रखते हुए उन्होंने कहा “करत करत अभ्यास के, जड़मत होत सुजान, रसडी आवत जात ते, सिल पर पड़त निशान” अर्थात वह अभ्यास ही है जो अंधेरे में भी भोजन करने पर हमारा हाथ खाने के गस्से को मुंह में ही लेकर जाता है यह बात उन्होंने महाभारत के एक प्रसंग के साथ प्रस्तुत की । अतः अभ्यास जितना और जैसा होगा कार्य का परिणाम भी उसके अनुरूप ही होता है।इसलिये पूर्ण सफलता के लिये नियमित अभ्यास आवश्यक है।कार्यक्रम का प्रारंभ गणगीत से हुआ तथा पांच प्रकार के शारीरिक प्रदर्शन कार्यकर्ताओं द्वारा इतनी गर्मी के बाद भी पूरे जोश और मनोयोग से संघ के मथुरा विभाग कार्यालय केशव भवन सरस्वती कुंड के मैदान पर किये गए ।जिनमें दंड प्रहार, गण समता, सामूहिक समता, नियुद्ध, घोष वादन तथा योग और तिष्ठ योग शामिल रहे। मंच पर कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय भाग संघचालक श्रीमान सत्यनारायण जी ने की।तथा योग के शिक्षकों में महानगर शारीरिक प्रमुख दुर्गा प्रसाद जी, दीनदयाल नगर कार्यवाह मनोज जी, सीताराम जी आदि रहे। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक शिवांशु जी तथा एकल गीत विपिन जी ने प्रस्तुत किया। परिचय गायत्री नगर कार्यवाह मनीष जी और केशव नगर कार्यवाह अखिलेश जी ने कराया।कार्यक्रम में विभाग शारीरिक प्रमुख शिवकुमार जी,विभाग सह सम्पर्क प्रमुख प्रदीप जी,मथुरा महानगर प्रचारक आर्येन्द्र जी,महानगर सेवा प्रमुख जगदीश जी,सह महानगर कार्यवाह श्री ओम जी,द्वारकेश नगर कार्यवाह पवन जी,कृष्ण भाग प्रचारक कुलदीप जी आदि प्रमुख रूप से रहे।