वैसे तो हमारे देश में अनेकों पक्षियों की प्रजातियां है और अनेक तरह के प्रवासी पक्षी हमारे यहां पर आते हैं लेकिन आज हम एक ऐसे प्रवासी पक्षी की बात करने जा रहे हैं इसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा |
दरअसल आपको बता दें कि इस प्रवासी पक्षी का नाम है कुरजां |
बता दे की कुरजां एक खूबसूरत पक्षी है जो सर्दियों में साइबेरिया से ब्लैक समुद्र से लेकर मंगोलिया तक फैले प्रदेश से हिमालय की ऊंचाइयों को पार करता हुआ हमारे देश भारत में आता है |
यह कुरजा पक्षी सर्दियां हमारे मैदानों और तालाबों के करीब गुजारने के बाद वापस अपने मूल देश में लौट जाता है और अपने लंबे सफर के दौरान यह पांच से आठ किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ता है |
इसके अलावा आपको बता दें कि राजस्थान में हर साल लगभग पचास स्थानों पर कुरजां पक्षी आते हैं लेकिन इनकी सबसे बड़ी संख्या खीचन में ही दिखाई देती है क्यूंकि कुरजां यहां के परिवेश में इतना घुलमिल गया है कि इस पर कई लोकगीत भी बन चुके है |
यहां इनके बच्चे होते है और उनके बड़े होते ही ये उड़ान भर लेते है |
इतना ही नहीं बता दे की कुदरत ने पक्षियों को कुछ विशेष क्षमता प्रदान की है और इस क्षमता के बल पर कुरजां साइबेरिया के मौसम में शुरू होने वाले बदलाव को पहले से जान लेता है कि अब मौसम बदलने वाला है |
उसके बाद मौसम में बदलाव शुरू होते ही हजारोंं की तादात में कुरजां भारतीय मैदानों की तरफ उड़ान भरना शुरू कर देते है और बिना किसी जीपीएस की मदद के ये पक्षी करीब छह हजार किलोमीटर का सफर तय कर मारवाड़ पहुंच जाता है |
इन पक्षियों की टाइमिंग की गणना इतनी सटीक है कि इतने लम्बे सफर में एक दिन भी आगे पीछे नहीं होता |
सूत्रों के अनुसार लगातार कुछ सालों से यह सितंबर के महीने में यहां आ रहे हैं और इस बार भी ऐसा ही हो रहा है | फिलहाल हमारे देश में बड़ी संख्या में अभी तक यह पक्षी आ चुके हैं और यहां इनकी देखभाल करने वालों का कहना है कि अभी भी लगातार यह पक्षी आ रहे हैं और अगले कुछ दिनों में सभी पक्षी यहां पर आ जाएंगे |