36.5 C
Mathura
Sunday, May 11, 2025

जानिए कैसे इतिहास के पन्नों में एक अलग पहचान बना गए लाला लाजपत राय

हमारे देश को परतंत्रता की बेड़ियों से आजाद कराने में तमाम सपूतों ने अपना योगदान दिया और इन्हीं में से एक है लाला लाजपत राय जिनकी आज जयंती भी है |


दरअसल आपको बता दें कि इस 17 नवंबर के दिन ही लाला लाजपत राय का निधन हुआ था |


तो चलिए आज बात करते हैं कि देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लाला लाजपत राय इतिहास में किस चीज से सबसे ज्यादा खफा थे |


आपको बता दे की सन् 1950 में जब अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया तो लाला जी ने सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और विपिनचन्द्र पाल जैसे आंदोलनकारियों के साथ होकर अंग्रेजों के इस फैसले की जमकर मुखालफत की थी और इसी घटना के बाद से लालाजी आजादी के लिए लगातार संघर्ष करते रहे और उन्होंने देशभर में स्वदेशी वस्तुएं अपनाने के लिए अभियान चलाया |


साल 1920 में कलकत्ता में कांग्रेस के एक विशेष सत्र में भाग लेने के पश्चात गांधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए, इसके बाद ही यह आंदोलन पंजाब में आग की तरह फैल गया |


इसके अलावा लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध मार्च के दौरान पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया था जिसमें की वे बुरी तरह से ज़ख़्मी हुए थे |


इतना ही नहीं लाला लाजपत राय ने कई भारतीय नीतियों में सुधार किया था | वह जाति व्यवस्था, दहेज प्रथा, छुआछूत और अन्य अमानवीय प्रथाओं के बेहद खिलाफ थे |

इन्हें समाप्त करने के लिए उन्होंने ‘सर्वेंट्स ऑफ द पीपल सोसाइटी’ की स्थापना की और उन्होंने पत्रकारिता का भी अभ्यास किया था और कई समाचार पत्रों में नियमित योगदान दिया था |तब से लेकर आज तक इस वीर स्वतंत्रता सेनानी का इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज है |

Latest Posts

संस्कृति विवि में वक्ताओं ने बताया बौद्धिक संपदा के अधिकार का महत्व

संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में संस्कृति बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) समिति द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा नवाचार...

एक राष्ट्र एक चुनाव से कम खर्च और कामकाज आसान: दुर्विजय सिंह

मंगलवार को संस्कृति यूनिवर्सिटी के संतोष मैमोरियल ऑडिटोरियम में एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान के अन्तर्गत प्रबुद्ध समागम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथी...

संस्कृति विवि में जूनियर्स ने सीनियर को दी भावभीनी विदाई

Juniors gave emotional farewell to seniors in Sanskriti University संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में "अलविदा नहीं फेयरवेल पार्टी" का भव्य आयोजन किय।...

उत्तराखंड के राज्यपाल ने बैकुण्ठ धाम के किए दर्शन

The Governor of Uttarakhand visited Baikunth Dham उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए। उन्होंने श्री बद्रीनाथ मन्दिर...

संस्कृति विवि में बताई “शिक्षा के वर्तमान दौर में शैक्षणिक व्यावसायिकता” की उपयोगिता

संस्कृति विवि में बताई “शिक्षा के वर्तमान दौर में शैक्षणिक व्यावसायिकता” की उपयोगिता मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में संस्कृति स्कूल आफ एजूकेशन ने...

Related Articles