देश के विकास में अपनी जमीन देकर अहम भूमिका निभाने वाले किसान नाराज हैं और वे अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ 21 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. किसानों के इस आंदोलन को विभिन्न आर डब्लू ए, किसान संगठन, राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिया.
नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा, 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 17.5 प्रतिशत कोटा, लीजबैक, प्राधिकरण की भूखंड परियोजना में, शिफ्टिंग पॉलिसी, रोजगार आदि की मांगों को लेकर 40 गांव के किसान बीते 21 दिन से प्राधिकरण कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। उनको समर्थन देने के लिए कई किसान संगठन के लोगों ने जुलूस निकाल के धरना स्थल पर पहुंचे और महापंचायत का आयोजन किया। सी पी आई एम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने महापंचायत को संबोधित किया।
वृंदा करात ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास और औद्योगिकरण के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, जो बननी भी चाहिए, लेकिन इसके लिए आप किसान की छाती पर खड़े होकर विकास की बात करेंगे और जिससे लाखों लोग प्रभावित होकर सड़क पर आने के लिए मजबूर होगे, तो इसे विकास नहीं विनाश कहा जाएगा. प्रदर्शन कर रहे किसानों में बडी संख्या में महिलाएं भी शामिल है, जिनका कहना है कि अथॉरिटी के अधिकारी लगातार मनमाना रवैया अपनाए हुए हैं और हमारी मांगों को अनदेखा कर रहे हैं, हम यह धरना तभी खत्म करेंगे जब हमारी मांगों को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा.