संस्कृति विश्वविद्यालय में फिजियोथैरेपी पर हुई महत्वपूर्ण वेबिनार
संस्कृति स्कूल आफ फिजियो थैरेपी के द्वारा एक महत्वपूर्ण वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की
थीम “आइडिया को जीवन में लाओ” रही। वक्ताओं ने एक अच्छा उद्यमी बनने के लिए मन में आने वाले विचार(आइडिया) को व्यवहारिक जीवन में उतारने के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट, एमबीएस सरकारी अस्पताल कोटा, राजस्थान के डॉ. हर्ष एम राजदीप ने कहा कि हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण हमारे लक्ष्य को पाने में बड़ा रोल अदा करता है। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में जैसे खेलों में या अन्य किसी क्षेत्र में बड़ा नाम कमाने वालों के पीछे एक फिजियोथैरेपिस्ट का बड़ा योगदान है। विद्यार्थियों को अपनी इस ज्ञान, योग्यता पर भरोसा करते हुए अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। फिजियोथैरेपिस्ट अपने ज्ञान के दम पर और अपने परिश्रम से स्वयं का एक अच्छा अस्पताल खड़ा कर सकते हैं।
डा. हर्ष ने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट की उपयोगिता समाज में एक जरूरत बनकर सामने आ रही है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां रोजगार के साथ-साथ स्वयं उद्यमी बनने की अपार संभावनाएं हैं। आप इस दिशा में गंभीरता के साथ सोचेंगे तो अनेक आइडिया ऐसे आएंगे जो आपके काम में चार चांद लगा देंगे, जरूरत बस इतनी है कि आप अपने आइडिया को व्यवहारिक जीवन में उतार लें। संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग के प्राचार्य डा. केके पाराशर ने चिकित्सा के क्षेत्र से हटकर सामान्य जीवन में फिजियोथैरेपिस्ट की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। एसएमएएस विभाग के एचओडी डा. आरपी जायसवाल ने विद्यार्थियों को मन लगाकर एक अच्छा फिजियोथैरेपिस्ट बनने के लिए प्रेरित किया।
वेबिनार के प्रारंभ में डॉ. नेहा रानी, सहायक प्रोफेसर द्वारा वक्ताओं का परिचय दिया गया। कार्यक्रम की समन्वयक फिजियोथैरेपी विभाग की डा. कंचन खोलिया ने वेबिनार की थीम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।