संस्कृति विवि के एक और अविष्कार को सरकार ने दिखाई हरी झंडी
मथुरा। पेटेंट दाखिल करने में देश के सबसे आगे रहने वाले संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इंजीनियरिंग ने एक नए अविष्कार को जन्म दिया है। सरकार की ओर से इस खोज का पेटेंट भी ग्रांट किया जा चुका है। अब कांच की कंटिग के दौरान कांच के टूटने का खतरा न के बराबर होगा।
संस्कृति विवि की सीईओ मीनाक्षी शर्मा ने विवि की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि इस उन्नत ग्लास ड्रिलिंग उपकरण का अविष्कार विवि के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से, वर्तमान आविष्कार कांच की सतह को टूटने से बचाने के लिए ड्रिलर के स्वचालित संचालन के लिए कांच की सतह के प्रकार, आवश्यक दबाव और मोटाई का आकलन करने के लिए विकसित एक उन्नत ग्लास ड्रिलिंग उपकरण है। इस उपकरण में असमान सतह और ग्लास पर किसी भी क्षति की उपस्थिति का निर्धारण करने के लिए एक छवि कैप्चर होगी। तापमान का पता लगाने के लिए एक सेंसिंग यूनिट 3, 4, 5, 6 शामिल है। ग्लास की मोटाई और नमी की मात्रा, जिसमें ग्लास के प्रकार और मोटाई के आधार पर, माइक्रोकंट्रोलर ग्लास पर लागू होने वाले दबाव को निर्धारित करता है। उपयोगकर्ता द्वारा लागू वास्तविक समय, दबाव को मापने के लिए एक दबाव सेंसर, एक मोटर जो उस गति से घूमती है जो कांच को टूटने से बचाता है। इस उपकरण में एक कंट्रोल पैनल होगा जो कांच के ज्ञात प्रकार, तापमान और मोटाई, तेल और ठंडे पानी के भंडारण के लिए चैंबर की बहुलता को प्रदर्शित करता है। इसमें नोजल नमी की मात्रा के मामले में कांच पर क्रमशः तेल और पानी के निर्वहन के लिए सक्रिय होते हैं और कांच का तापमान एक सीमा से अधिक हो जाता है। मीनाक्षी शर्मा ने बताया यह आविष्कार कांच की सतह के प्रकार, तापमान और मोटाई को निर्धारित करने और कांच की सतह को तोड़े बिना सुचारू संचालन के लिए ड्रिल बिट्स से जुड़ी मोटर की गति को स्वचालित रूप से बदलने के लिए विकसित किया गया है। यह आविष्कार ड्रिलिंग के दौरान कांच को बिखरने से बचाने के लिए कांच की सतह को ठंडा करने और नमी हटाने के लिए कांच की सतह पर तेल और ठंडा पानी डालता है। यह आविष्कार सटीक छेद ड्रिलिंग के दौरान कांच की सतह पर ड्रिलर की मजबूत पकड़ प्रदान करता है। साथ ही आविष्कार का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ता के अनुकूल और उसको विश्वसनीय उपकरण प्रदान करना है।