संस्कृति विश्वविद्यालय में नुक्कड़ नाटक ने समाजिक जागरूकता फैलाई
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में में मिशन शक्ति फेस-5 के अतंर्गत एक शानदार नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों विद्यार्थियों ने इस शिक्षाप्रद नाटक का आनंद लिया। प्रतिभागियों ने अपने प्रदर्शन से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को रचनात्मक रूप से उठाया। महिला सशक्तिकरण पर आधारित इस नुक्कड़ नाटक में महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया और दिखाया गया कि किस तरह महिलाएं अपने साहस और बुद्धिमानी से अपनी सुरक्षा कर सकती हैं। कार्यक्रम की शुरुआत एंकर संजना सोलंकी के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद डॉ. डी.एस. तोमर और डॉ. रीना रानी ने समाजिक जागरूकता के अपने प्रेरणादायक विचारों से दर्शकों को प्रेरित किया। वक्ताओं ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के पांच घटक हैं, महिलाओं की आत्म-सम्मान की भावना; चुनाव करने और निर्णय लेने का उनका अधिकार, अवसरों और संसाधनों तक पहुंच का उनका अधिकार, घर के अंदर और बाहर अपने जीवन को नियंत्रित करने की शक्ति का उनका अधिकार और सामाजिक व्यवस्था की दिशा को प्रभावित करने की उनकी क्षमता। नुक्कड़ नाटक के द्वारा कलाकारों ने सभी घटकों को एक नाटकीय तारतम्य में पिरोते हुए नाटक को बड़ी रोचकता के साथ प्रस्तुत किया। इस प्रभावशाली नाटक के द्वारा दर्शकों को आवश्यक सभी जानकारियां मिलीं और वे जागरूक हुए।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रीतू चौहान और डॉ. सुष्मिता मित्रा ने आयोजन की सुचारू रूप से सफलता सुनिश्चित की। बीएनवाईएस और फार्मेसी विभाग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने अपने ऊर्जावान और सोचने पर मजबूर करने वाले प्रदर्शन से पूरे कैंपस को जीवंत कर दिया। प्रतिभागियों की उत्सुकता और प्रतिभा ने छात्रों के बीच गहरी चर्चा शुरू कर दी, जिससे उनके अंदर सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता का भाव पैदा हुआ। कार्यक्रम का समापन जोरदार तालियों के साथ हुआ, जिसमें दर्शकों ने सामाजिक मुद्दों को बढ़ावा देने और प्रभावशाली कहानी कहने के लिए कलाकारों की सराहना की। इस आयोजन की सफलता ने यह साबित किया कि संस्कृति विश्वविद्यालय समाजिक रूप से जागरूक छात्रों को तैयार करने के प्रति प्रतिबद्ध है।