शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने की बाएं गुर्दे की सर्जरी
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने एक चार वर्षीय बच्चे के बाएं गुर्दे से कैंसर की गांठ निकाल कर उसे नया जीवन दिया है। सर्जरी के बाद गांव नयाबास, तहसील मांट, जिला मथुरा निवासी पवन का बेटा यश अब ठीक है। डॉ. शर्मा का कहना है कि छह माह कीमोथेरेपी देने के बाद बच्चा पूरी तरह ठीक हो जाएगा। जानकारी के अनुसार गांव नयाबास, तहसील मांट, जिला मथुरा निवासी पवन 10 अगस्त को अपने चार वर्षीय बेटे यश के मूत्र से आ रहे खून का इलाज कराने के.डी. हॉस्पिटल आया तथा शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा से मिला। बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. शर्मा ने तत्काल उसके पेट की सोनोग्राफी तथा सीटी स्कैन कराई, जिससे पता चला कि उसके बाएं गुर्दे में कैंसर की गांठ है। मेडिकल भाषा में इसे विल्म्स ट्यूमर या नेफ्रोब्लास्टोमा कहते हैं, जिसका उपचार शल्य चिकित्सा तथा कीमोथेरेपी है। पवन की स्वीकृति के बाद डॉ. श्यामबिहारी शर्मा द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 28 अगस्त को बच्चे की सर्जरी कर बाएं गुर्दे, यूरेटर तथा आसपास का टिश्यू हटा दिया गया। सर्जरी में डॉ. शर्मा का सहयोग जूनियर रेजीडेंट डॉ. समर्थ ने किया। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने बताया कि बायोप्सी रिपोर्ट में भी कैंसर की पुष्टि हो चुकी है, चूंकि कैंसर ज्यादा फैला नहीं है, अतः बच्चे के ठीक होने की सम्भावना अधिक है। डॉ. शर्मा का कहना है कि नेफ्रोब्लास्टोमा एक दुर्लभ कैंसर है जोकि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है तथा यह आमतौर पर गुर्दे में होता है। इसके उपचार में देरी होने पर यह मस्तिष्क, फेफड़ों तथा हड्डियों में भी फैल सकता है। डॉ. शर्मा का कहना है कि कैंसर जब शरीर के कई हिस्सों में फैल जाता है तब मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि बच्चे को कीमोथेरेपी शुरू कर दी गई है जोकि अगले छह माह तक चलेगी। बच्चे के पिता पवन को बता दिया गया है कि समय से कीमोथेरेपी लगवाने से यश जल्दी से जल्दी ठीक होगा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बच्चे की सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों को बधाई देते हुए यश के स्वस्थ जीवन की कामना की है।