संस्कृति विवि में एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस के दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू
मथुरा। भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संस्कृति नोडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में 45 दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे बैच के 35 विद्यार्थियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। नए सत्र के शुभारंभ के अवसर पर वक्ताओं द्वारा कहा गया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थियों को 20 लाख रुपये तक का बैंक लोन एवं 36-44 प्रतिशत सब्सिडी भी प्राप्त होती है। वे स्वयं उद्यमी बनकर लोगों को रोजगार भी प्रदान कर सकते हैं।
एसीएबीसी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डा. रजनीश त्यागी ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन मैनेज (राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान) द्वारा शुरू हुए 45 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महत्वाकांक्षी उद्यमियों को व्यापक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना है। इसके माध्यम से छात्र, किसान सरकारी सहायता से स्वयं उद्यमी बनने का सपना पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों के लिए उद्यमी बनने का एक सुनहरा अवसर है और उन्हें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। हमारा विश्वविद्यालय हमारे छात्रों के बीच एक उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने और उन्हें कृषि क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है। हम मानते हैं कि उनकी उद्यमशीलता की भावना का पोषण करके, हम नवाचार चला सकते हैं और कृषि उद्योग के विकास में योगदान कर सकते हैं। संस्कृति इंक्युबेशन एंड स्टार्टअप कार्यक्रम के सीईओ प्रोफेसर अरुन त्यागी ने कृषि क्षेत्र में उपलब्ध कई स्वरोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को विभिन्न विकसित तरीकों के बारे में बताया जो इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकते हैं। संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा. केके सिंह ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी और एग्री क्लीनिक की उपयोगिता को समझाया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा, एकेडमिक डीन डा. मीनू गुप्ता ने भी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के लाभ और प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ट्रेनिंग कोर्डिनेटर दाऊदयाल शर्मा ने सभी का स्वागत किया और प्रशिक्षणार्थियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया