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Saturday, May 10, 2025

मनरेगा से 38 लाख में निर्मित गौशाला का काम अधूरा

गौवंश सड़कों पर, गांव वंश के नाम पर बेदर्दी से हड़पी धनराशि

38 लाख की धनराशि खर्च करके निर्मित की गई गौशाला का काम अभी भी अधूरा है जबकि उसकी धनराशि ग्राम पंचायत में बेदर्दी के साथ हड़प कर ली है। ग्रामीणों ने गौशाला निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग का भी आरोप लगाया है।बड़ामलहरा जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत भोंंयरा में साल 2021-22 मेंं मनरेगा से गौशाला निर्माण हेतु 37.80 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन सरपंच और सचिव की लापरवाही के चलते लाखों की धनराशि खर्च गौशाला निर्माण में खर्च होने के बाद भी गौशाला का काम अधूरा है जबकि ग्रामीणों के मुताबिक पूरी राशि ठिकाने लगा दी गई है। गौरतलब है कि गौवंश को माता का दर्जा मिलने और पूजने के बाबजूद भी गौवंश के नाम पर उनके ठेकेदार उन्हीं की धनराशि बेदर्दी के साथ हड़प कर रहे हैं इस बात को लेकर बुद्धिजीवियों में अफसोस व्याप्त है।

गौशाला का उपयोग नहीं होने फसलें चट करता गौवंश

भौंयरा गांव में भले ही गौशाला बना दी गई हो लेकिन गौशाला का उपयोग न होने की वजह से गांव के किसान खासे परेशान रहते हैं। शहर,नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी गौवंश बेसहारा घूम रहा है जिसकी वजह से खेतों में लगी फसलों को ये गौवंश उजाड़ कर देते है जिससे किसान खासे परेशान रहते हैं। मगर इस ओर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है।

गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

भोंयरा गांव में निर्मित की गई गौशाला मेंं न सिर्फ निर्माण कार्य तत्कालीन सरपंच अशोक जैन, सचिव देशपाल सिंह और सह सचिव नरेन्द्र राय अधूरा छोड़ा गया है बल्कि जितना काम कराया गया है उसमें गुणवत्ता विहीन निर्माण कराये जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि गौशाला में फर्श का काम नहीं किया गया है वहीं  जो स्थान गायों को बांधने और चारा खाने के लिए निर्धारित गया था, उसमें मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। जिस स्थान पर गायों के पेयजल की व्यवस्था होनी थी उस स्थान पर गंदगी मौजूद है। बताया गया है कि गौ-शाला में व्यवस्थापक के लिए जो शौचालय का निर्माण करवाया गया वह टूटा पड़ा है और चारों ओर गंदगी का साम्राज्य है।

गौशाला बनी असामाजिक तत्वोंं का अड्डा

गौ-शाला के मुख्य द्वार पर किसी प्रकार के इंतजाम नहीं है जिससे गांव के असामाजिक तत्व और शराबी शाम के वक्त अड्डा बना लेते हैं। आरोप है कि इन असामाजिक तत्वोंं के कारण शाम के वक्त अपने खेतों से घर वापिस  आने वाली महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती है। बताया गया है कि ग्रामीणों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर दबाव बनाकर शिकायत वापस करा दी जाती हैं। 

“भोंयरा ग्राम पंचायत में निर्मित गौशाला को जानकारी लेता हूं और पत्र जारी करता हूं। यदि वहां काम अधूरा है तो निर्माण एजेन्सी की जिम्मेदारी है कि वह पूरा कराये। अधूरा काम पंचायत से  पूरा कराया जायेगा”

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