अनोखी है मुड़िया संतों की प्राचीन परंपरा
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोवर्धन मुड़िया पूर्णिमा पर गुरु शिष्य के बीच चली आ रही प्राचीन परंपरा को निभाते हुए रविवार को मुड़िया संतों ने मुंडन कराया,यहां 3 जुलाई को परंपरा का निर्वहन करते हुए संत शोभा यात्रा निकालेंगे और गोवर्धन की परिक्रमा करेंगे।
शोभा यात्रा की सशर्त अनुमति मिलने के बाद मुड़िया पूर्णिमा के मौके पर पूज्य पार्क सनातन गोस्वामी की याद में सोमवार को चकलेश्वर के राधा श्यामसुंदर मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी यह अनुयायियों ने शोभा यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। जानकारी के मुताबिक पूरे देश में मनाए जाने वाला गुरु पूर्णिमा पर्व गोवर्धन धाम में मुड़िया पूर्णिमा मेला के नाम से जाना जाता है,
यहां सनातन गोस्वामी के गोलोकधाम पधारने पर उनके शिष्यों ने शोभायात्रा निकालकर मानसी गंगा की परिक्रमा की थी साथ ही उनके अनुयायियों ने सिर मुड़वाकर और मानसी गंगा में स्नान कर विमान निकाला। उसी समय से मुड़िया नाम से यह मेला जाना जाता है। इस दौरान संत रामकृष्ण दास ने बताया कि जहां सनातन गोस्वामी ने 1558 में गोलोकधाम पधारने पर उनके शिष्यों सिर मुड़वाकर मानसी गंगा की परिक्रमा की थी,उसी परंपरा का गोवर्धन के चकलेश्वर स्थित श्री राधा श्यामसुंदर मंदिर के संत निर्वहन करते चले आ रहे हैं।
यहां रविवार को अनुयाई भक्तों ने मंदिर में मुंडन कराया है तो साथ ही सोमवार को मानसी गंगा में स्नान कर 465 वीं बार मुड़िया शोभायात्रा हरि नाम संकीर्तन के साथ निकाली जाएगी।