संस्कृति दीक्षा आरंभ-2023
संस्कृति विश्वविद्यालय में नवीन सत्र के शुभारंभ पर आयोजित दो दिवसीय समारोह ‘दीक्षारंभ-23’ के पहले दिन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय के नवीन सत्र के विद्यार्थियों में ऊर्जा का संचार करते हुए कहा कि बिना त्याग किए सफलता हासिल नहीं हो सकती। सफलता की परिभाषा लक्ष्य के आधार पर अलग-अलग हो सकती है लेकिन त्याग किए बिना इसको हासिल करना कठिन है।
डा. सचिन गुप्ता ने संस्कृति विवि में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि तय कर लें आप नौकरी की इच्छा रखने वाले बनना चाहते हैं या फिर नौकरी देने वाले उद्यमी। संस्कृति विवि ने दोनों तरह के विद्यार्थियों की इच्छा पूरी करने के लिए सभी साधन जुटाए हैं। उन्होंने सफलता के लिए मूल मंत्र बताते हुए कहा सबसे पहले आपमें अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्धता जरूरी है। उन्होंने कहा आपको कोई आयडिया आए तो उसे उसी समय नोट करें और फिर उस आयडिया को कैसे लागू करें उसका प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा हारने से नहीं डरना चाहिए। निर्णय किसी के भी गलत हो सकते हैं। उन्होंने कई सफल लोगों के उदाहरण देते हुए कहा कि सफल वही हुए हैं जिन्होंने प्रतिबद्धता के साथ कोशिश करना जारी रखा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि विवि में आपके लिए परिपूर्ण लाइब्रेरी है, रोजाना एक घंटे लाइब्रेरी जाने और पढ़ने की आदत डालें। खेलने और मनोरंजन की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
डा. गुप्ता ने कहा कि हमारे लक्ष्य बड़े होने चाहिए। आप क्या बनना चाहते हैं उसकी प्लानिंग आज करें। मन में निराशा का भाव कभी न लाएं। आप वह उपलब्धि हासिल करें जिससे आपके माता-पिता और विश्वविद्यालय आपके ऊपर गर्व कर सके। इससे पूर्व विवि की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने बहुत सहज शब्दों में विद्यार्थियों के प्रति आत्मीयता के साथ अनेक सवाल पूछे और उनकी जिज्ञासाएं शांत कीं। उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का एक ऐसा संस्थान है जहां न केवल संस्कार, वरन पारिवारिक मूल्यों के प्रति भी संवेदनशीलता बरती जाती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए अहंकार को त्यागना चाहिए, झुकना सीखना चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमबी चेट्टी ने नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की सोच और विश्वविद्यालय के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बताया।
विश्वविद्यालय के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा ने संस्कारों के महत्व की बात की। उन्होंने कहा कि अक्सर लक्ष्य प्राप्ति में इतनी बाधाएं नहीं होतीं जितनी हम स्वयं खड़ी कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मस्तिष्क ही हमारी राह तय करता है। दौड़ पैरों से नहीं हौसले से जीती जाती है। एश्वर्य अवस्थी ने परीक्षा प्रणाली की, स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा. डीएस तौमर ने अनुशासन, समयबद्धता और विवि ड्रेस की, स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डा.केके सिंह ने छात्रवृत्तियों की, एनसीसी के इंचार्ज विपिन सोलंकी ने एनसीसी की जानकारी विद्यार्थियों को दी। डा. रेनू गुप्ता ने क्लास में अटेंडेंस से जुड़े नीयमों की जानकारी दी। इस मौके पर कल्चरल हेड डा. दुर्गेश वाधवा के निर्देशन में विद्यार्थियों ने सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन अनुजा गुप्ता ने किया।