कहते हैं कि संतान प्राप्ति जीवन का सबसे बड़ा सुख है और यह औरत एवं पुरुष दोनों के लिए ही जरूरी है कि वह अपनी संतान पैदा करें लेकिन वास्तव में संतान को पुरुषों के लिए कई बार सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़कर भी देख जाता है और अगर किसी वजह से पुरुष पिता नहीं बन पाता तो इसे अभिशाप मानने लगते है |
जिससे उसको अपना वजूद अधूरा लगने लगता है क्यूंकि जिस तरह किसी महिला को मां ना बन पाने की वजह से ताने सुनने को मिलते हैं, उसी तरह पुरुष को भी समाज में अपमानित किया जाता है |
लेकिन वास्तव में महिलाओं की तुलना में कई बार ये स्थिति पुरुषों के लिए ज्यादा भयावह हो जाती है |क्योंकि ऐसा ही कुछ हुआ आस्ट्रेलिया के पुरुष के साथ |
दरअसल आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले डेविड हॉज को जब डॉक्टर ने बताया कि उनके वीर्य में शुक्राणु नहीं हैं और वो कभी पिता नहीं बन सकते तो उन्होंने डर और शर्मिंदगी की वजह से तीन साल तक ये सच दुनिया से छिपाया और कई तरह का मानसिक तनाव और दबाव झेलने के बाद आखिरकार उन्होंने इस बात को स्वीकार किया और जिंदगी के प्रति अपना नजरिया बदल लिया |
अपनी कहानी सुनाते हुए डेविड ने कहा की साल 2015 में मैं और मेरी पत्नी बच्चे के लिए संघर्ष कर रहे थे और हमने अस्पताल में चेकअप कराया और जो मुझे पता चला उससे मेरी दुनिया खत्म हो गई |
हमारे कजिन थे जिनके बच्चे थे और मैंने भी बच्चे को लेकर कई सपने देखे थे और पिता बनना मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश थी लेकिन डॉक्टर के इनकार ने मुझे तोड़कर रख दिया और मैं बहुत रोया | मैं अपनी पत्नी के सामने फूट-फूटकर रोता था क्योंकि वो मां बनने के लिए बेताब थी |
इसके अलावा हॉज ने यह भी बताया कि उनको डॉक्टर ने समझाया कि उनके अंदर शुक्राणु हैं लेकिन वो यूरेथ्रा में नहीं हैं क्योंकि उनके रिप्रोडक्टिव सिस्टम में शुक्राणुओं को यूरेथ्रा तक पहुंचाने वाली नली नहीं है जिसे वास डेफेरन्स कहते हैं और वास डेफेरन्स एक तरह का ट्यूब होता है जो शुक्राणुओं को यूरेथ्रा तक ले जाता है जहां से संभोग के बाद शुक्राणु महिला के अंदर जाते हैं और अगर वो अपनी संतान चाहते हैं तो इसके लिए उनके शुक्राणुओं को टेस्टिस से ऑपरेशन के जरिए निकालना होगा |
जिसके बाद उसने कहा की ये खबर मैंने अपने करीबी परिवार के लोगों के अलावा हर किसी से तीन साल तक छुपाए रखी क्यूंकि मैं थोड़ा शर्मिंदा था | मैंने इस तरह की खामी के बारे में कभी नहीं सुना था और ऐसा आदमियों में इनफर्टिलिटी के एक दो प्रतिशत मामलों में ही पाया गया था और मुझे नहीं पता था कि लोग इस पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे |
परंतु उसके बाद मुझे पता चला की दुनिया में कितने पुरुष फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करा रहे हैं और उनके पार्टनर का इस दौरान उनको कितना सपोर्ट मिल रहा है क्यूंकि इसका कोई आंकड़ा नहीं है | आज भी दुनिया भर में हर छह में एक जोड़े को संतान पैदा करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है |