15 C
Mathura
Thursday, November 28, 2024

जाने Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उन्हें जुड़ी ये कुछ महत्वपूर्ण बाते  

जाने Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उन्हें जुड़ी ये कुछ महत्वपूर्ण बाते  

Maharana Pratap Jayanti 2022: यूं तो महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के मुग़ल बादशाह अकबर से हारे थे लेकिन उन्होंने आत्मसमर्पण ना करके अपनी लड़ाई मुगलों के विरुद्ध हमेशा जारी रखी थी |

Maharana Pratap Jayanti 2022
Maharana Pratap Jayanti 2022

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) मेवाड़ राज्य के एक महान और वीर राजपूत राजा थे। वह अपने साहस और पराक्रम के कारण पूरे देश और विदेश में आजतक जाने जाते है |उनकी शौर्य की कहानियाँ आज भी आपको कई ऐतिहासिक किताबो में पढ़ने को मिल जायेंगी | वो मेवाड़ राज्य के 13वें राजा थे और उनकी जयंती हर वर्ष 9 मई को पूरे सम्मानजनक रूप से मनाई जाती है |

क्या सर्वे से सामने आ जायेगा Gyanvapi Masjid का छुपा हुआ सच ? Mosque परिसर

हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप की जयंती ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में आती है। इस वर्ष भी Maharana Pratap Jayanti 2022 9 मई, 2022 यानी आज के दिन देश समेत पूरे विश्व में मनाई जा रही है | महाराणा प्रताप को राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लोगो द्वारा उनको आज भी बहुत सम्मान दिया जाता है और इस दिन इन राज्यों के निवासी बहुत बहुत मानते हैं इसलिए वे इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।

चलिए अब हम आपको इस लेख के माध्यम से Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते बताते है :-

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म 9 मई 1540 को एक राजपूताना परिवार में हुआ था |उनके पिताजी उदय सिंह उदयपुर राज्य के संस्थापक थे। भारत में मुगल साम्राज्य के फैलाव को रोकने के महाराणा प्रताप द्वारा किये गये प्रयासों के लिए उन्हें आज भी जाना जाता है। हल्दीघाटी का युद्ध मुगलों के विरुद्ध एक अग्रणी युद्ध रहा था जिसमें महाराणा द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी। उन्होंने शक्तिशाली मुगल बादशाह अकबर को 3 बार युद्ध में हराया था |

यूं तो महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में हार गए थे लेकिन उन्होंने मुगलों के आगे  आत्मसमर्पण करने से इंकार करते हुए उनके विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखी और उनसे हारे अपने सारे क्षेत्रों पर फिर से अपना कब्ज़ा हासिल किया था |

कई लोग आज भी महाराणा प्रताप को देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मानते है क्योंकि उस समय जब सभी राजपूत नेताओं ने मुगलों के सामने घुटने टेक दिए थे तब महाराणा प्रताप ने अकेले ही मुगलों के खिलाफ डटकर उनका सामना किया था और उनके सामने एक चुनौती बनकर खड़े रहे। उनका शारीरिक ढांचा बहुत ही अलग था। वो 7 फीट 5 इंच के एक सुडौल और लंबे-चौड़े व्यक्ति थे जिनके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वो अपने साथ 104 किलो की तलवार आसानी से ले जा सकते थे और साथ में 72 किलो वजन का कवच भी |

Latest Posts

संविदा कर्मियों के साथ हुई अभद्रता के मामले भागवत प्रवक्ता ने मांगी माफी

संविदा कर्मियों के साथ हुई अभद्रता के मामले भागवत प्रवक्ता ने मांगी माफी बकाया बिल जमा कराने का अनुरोध करने गएसंविदा कर्मियों के साथ हुई...

वृन्दावन में अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद का हुआ आयोजन, पूरे देश के साधु संत, महंत हुए एकत्रित

वृन्दावन में अंतर्राष्ट्रीय धर्म संसद का हुआ आयोजन, पूरे देश के साधु संत, महंत हुए एकत्रित धर्म नगरी वृंदावन में आज भगवान श्री कृष्ण के...

जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण

जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण चित्रकूट में संयुक्त जिला अस्पताल सोनेपुर का जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने बुधवार को औचक निरीक्षण किया। उन्होंने...

जैक पर आ गए सैंकड़ों मकान, घरों में पड़ी दरारें, दहशत में करीब 8 हजार की आबादी

जैक पर आ गए सैंकड़ों मकान, घरों में पड़ी दरारें, दहशत में करीब 8 हजार की आबादी ताजनगरी आगरा में मेट्रो लाइन की खुदाई जान...

Related Articles