ये बात सच है की केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में भर्ती होना गौरव की बात कही जाती है, हालांकि इन बलों में लगभग एक दशक से युवा अधिकारियों द्वारा जॉब छोड़ने के मामले भी आते रहे हैं और बल के पूर्व अधिकारियों ने पदोन्नति में देरी को इसकी मुख्य वजह माना है |
इसी कड़ी में अब बीएसएफ के एक सहायक कमांडेंट राजपत्रित अधिकारी द्वारा नौकरी छोड़कर दोबारा से दिल्ली पुलिस में हवलदार बनना चर्चा का विषय बना हुआ है | दरअसल आपको बता दें कि सोशल मीडिया में दिल्ली पुलिस का वह पत्र भी वायरल है जिसमें सहायक कमांडेंट विवेक का इस्तीफा और दिल्ली पुलिस में वापसी का आदेश जारी किया गया है |
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बता दे की विवेक दिल्ली पुलिस में हवलदार के पद पर कार्यरत था और जब उसकी तैनाती दिल्ली पुलिस अकादमी में थी तो उसने सहायक कमांडेंट के लिए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी |
जिसके बाद उसकी मेहनत रंग लाई और सीएपीएफ में उसका चयन हो गया, उसे बीएसएफ में सहायक कमांडेंट की नियुक्ति मिली | दिल्ली पुलिस ने भी उसका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और अब वह राजपत्रित अधिकारी बन गया था |
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बीएसएफ में विवेक की ट्रेनिंग शुरू हो गई और ट्रेनिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उसे दिल्ली पुलिस के हवलदार की जॉब ठीक लगने लगी |उसने 20 जनवरी 2023 को बीएसएफ से इस्तीफा दे दिया और इसके बाद विवेक ने एफआर 13 एंड रूल 26 ऑफ सीसीएस पेंशन रूल 1972, के तहत दिल्ली पुलिस में दोबारा से ज्वाइनिंग का आवेदन दे दिया जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसका आवेदन मंजूर कर लिया |
फिलहाल दिल्ली पुलिस अकादमी, झड़ौदा कलां ने दो फरवरी को आदेश जारी कर दिया और विवेक ने राजपत्रित अधिकारी की नौकरी छोड़कर दोबारा से हवलदार की जॉब ले ली, उसे दिल्ली पुलिस अकादमी, झड़ौदा कलां में तैनाती मिली है |
लेकिन यह मामला आजकल हर जगह चर्चा में बना हुआ है |