हमारे हिन्दू धर्म में इतिहास से लेकर अब तक दान धर्म को काफी महत्व दिया जाता है और खासकर जब कोई तीज-त्योहार आता है तो दान का महत्व और भी बढ़ जाता है |
क्यूंकि कहा जाता है की इस दान से घर में बरकत आती है | ईश्वर आप से खुश होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दान करने के भी कुछ खास नियम भी होते हैं |
क्यूंकि कुछ खास चीजों का दान करने की मनाही होती है और इन्हें दान करने से लाभ की जगह नुकसान होता है | फिर आपके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ सकता है |
इन दिनों में अगर हम सबसे पहले बात करें किताबों की तो कुछ लोग बच्चों को किताबें भी दान करते हैं लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें कि यह किताबें फटी हुई ना हो |
क्यूंकि अगर किताबें फटी है तो मां सरस्वती नाराज हो जाती है और फिर इसका दुखद परिणाम मासूम बच्चों को भुगतना पड़ता है | वे पढ़ाई लिखाई में कमजोर हो जाते हैं|
इसी प्रकार हम बात करें फटे कटे ग्रंथ की तो वह भी दान नहीं करना चाहिए | क्यूंकि ये भी अशुभ होता है और दूसरों को नुकसान पहुंचा सकने वाली चीजें जैसे कैंची, चाकू, तलवार या बंदूक इत्यादि भी दान में नहीं दिए जाते हैं क्यूंकि इनका इस्तेमाल सामने वाला किसी गलत काम के लिए भी कर सकता है |
यह चीजें पारिवारिक कलह बढ़ाती हैं | इसलिए ऐसी चीजों का दान करने कि भूल ना करें वरना आपको पुण्य नहीं पाप मिल सकता है |
इन सबके अलावा अक्सर लोग शनिवार को तेल का दान करते हैं क्यूंकि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं |लेकिन आपको खराब या इस्तेमाल किया हुआ तेल का दान नहीं करना चाहिए क्यूंकि इससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं और फिर घर पर एक के बाद एक कई दुख दस्तक देने लगते हैं | सुख गायब हो जाते हैं और दुखों का ढेर लग जाता है। इसलिए तेल दान करना ही है तो नया तेल दान करें |
अंत में अगर बात करें जरूरतमंदों और गरीबों को खाना खिलाने की तो लोग अधिकतर उन्हें अपने घर का बासी बचा कूचा खाना ही देते हैं |शास्त्रों की माने तो किसी को बासी और पुराना खाना देना अशुभ होता है और इससे आपके घर दुख और परेशानियाँ आती है | आपका बासी खाना सामने वाले को बीमार कर सकता है और फिर उसके मुंह से निकली बददुआ आपको बर्बाद कर देती है | तो ऐसा भी हमें कभी नहीं करना चाहिए |