देश में ज्यादातर बाजारों में टमाटर की कीमत बढ़ने से कृषक के चेहरे खिले
टमाटर की कीमत बाजारों में 70 रुपए प्रति किलो हो गया है एक महीना पहले टमाटर 10 से ₹20 किलो बिक रहा था महीने भर मे कीमत चौगुनी होने से किसानों के आई दुगनी हो गई टमाटर के भाव बढ़ गए हैं पहला कारण तो तापमान का बढ़ना है देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से बहुत ज्यादा गर्मी पड़ रही है दूसरी वजह यह है कि इस बार टमाटर का उत्पादन बहुत कम मात्रा में हुआ टमाटर कम है और मांगे बहुत ज्यादा है तीसरी और सबसे बड़ी वजह बारिश का देर से आना है इन्हें कुछ कारणों से टमाटर के दाम में एकाएक उछाल देखा जा रहा है पिछले ही महीने की बात है जब टमाटर 20 से ₹30 किलो तक बिग रहा था लेकिन जून का महीना आते ही स्थिति बिगड़ गई टमाटर की बढ़ी कीमतों ने गरीबों की तो चिंता बढ़ाई ही है साथ ही मध्यम वर्गीय परिवार का भी बजट भी बिगाड़ कर रख दिया है सवाल यह है कि आखिर क्यों टमाटर के दाम इस कदर आसमान छूने लग गए हैं टमाटर की कीमतों में उछाल पिछले 2 दिन से ज्यादा तेजी आया है पछवा दून क्षेत्र में टमाटर की खेती कम मात्रा में होती है पहाड़ों में किसान ज्यादातर टमाटर की खेती करते हैं समाया गांव निवासी मोहन सिंह का कहना है कि इस बार क्षेत्र में टमाटर की पैदावार कम हुई है और बताया कि जिन लोगों ने टमाटर की खेती की हुई थी उन पौधों में गर्मी की वजह से फूल ही नहीं आई और कई किसानों का कहना है बारिश लेट होने की वजह से टमाटर के पौधे खराब हो गए और जिन कृषकों के यहां टमाटर की फसल अच्छी मात्रा में हुई उन्हें बाजार का भाव भी अच्छा मिल रहा है और उनके चेहरे भी खिले हुए हैं विकासनगर आढ़ती दीवान सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों से टमाटर की सप्लाई काफी कम हो गई है अब बेंगलुरु से टमाटर लिया जा रहा है टमाटर की फसलें हाल ही में हुई बारिश के कारण खराब हो गई हालांकि ऐसा नहीं है कि आने वाले दिनों में भी यही स्थिति बनी रहेगी और आगामी दिनों में टमाटर के दामों में कटौती देखने को मिल सकती है क्योंकि इस की नई फसल शुरू होने वाली है लेकिन अगर हिमाचल प्रदेश या बाकी उत्पादक क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है तो यह भी हो सकता है कि टमाटर के दाम इसी तरह ज्यादा बने रहे