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Tuesday, May 13, 2025

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह

मथुरा। सोमवार को राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का नजारा बिल्कुल बदला हुआ नजर आया। हर कोई अपने पद-प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना एक-दूसरे से गले मिलकर अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करता दिखा। इस पूर्व छात्र मिलन समारोह में कई ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल हुए। पूर्व छात्र मिलन समारोह का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया।

गौरतलब है कि सोमवार को राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में एलुमनाई मीट का आयोजन किया गया। इसमें सत्र 1999 से लेकर सत्र 2021 तक के पूर्व छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। पूर्व छात्र मिलन समारोह में शामिल अधिकांश शख्सियतें किसी न किसी मुकाम को हासिल कर चुकी हैं। इन सभी का पुष्पगुच्छ और शाल-श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा विविध कार्यक्रम भी पेश किए गए।

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह
राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह

स्वागत अभिनंदन के बाद संस्थान के निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक ने 1999 से फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाली राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल के शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अप्रतिम योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। डॉ. पाठक ने बताया कि इस संस्थान ने उत्तर प्रदेश ही नहीं अब तक देश को ऐसे होनहार हीरे दिए हैं, जिन्होंने अपनी योग्यता और कर्मठता से समूचे ब्रज को गौरवान्वित किया है। डॉ. पाठक ने कहा कि ऐसे आयोजनों से जहां हम एक-दूसरे से परिचित होते हैं वहीं उनके प्रेरणादायी अनुभव लक्ष्य प्राप्ति में भी सहायक होते हैं।

पूर्व छात्र-छात्राएं गले मिले और ताजा कीं पुरानी यादें

इस गरिमामय समारोह में वर्षों से बिछड़े छात्र-छात्राएं एक-दूसरे से मिलकर जहां भावुक हुए वहीं अपनी खुशी का इजहार भी किया। कार्यक्रम में उपस्थित कई ड्रग इंस्पेक्टरों ने जहां अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए वहीं इसे न भूलने वाला लम्हा करार दिया। पूर्व छात्र-छात्राओं ने कहा कि ऐसे आयोजनों से उन्हें एक बार फिर कॉलेज से जुड़ने का सुअवसर मिला है। सभी का मानना था कि जो संस्थान हमें तरक्की की राह दिखाता है, हमें किसी न किसी रूप में उससे जुड़कर उसके विकास और बेहतर शिक्षा के लिए अपना योगदान देना चाहिए।

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