संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने जाना इंडोर क्वालिटी सिस्टम का महत्व
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग द्वारा विश्वविद्यालय के सभागार में इंडोर क्वालिटी सिस्टम पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन कियी गया। इशरे(इंडियन सोसाइटी आफ हीटिंग, रेफ्रिजिरेटिंग एंड कंडीशनिंग इंजीनियर्स) चैप्टर दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य छात्रों को इनडोर वायु गुणवत्ता और इसके महत्व के बारे में बताना था।
सेमिनार में भाग ले रहे अतिथि वक्ता प्रियांक गर्ग, इशरे ने मुख्य रूप से छात्रों को इनडोर वायु गुणवत्ता और आज के जीवन में इसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बंद कमरों में हमको लगता है कि हम सुरक्षित हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कमरे के अंदर वायु की गुणवत्ता हमको प्रभावित करती है। उन्होंने वायु की गुणवत्ता अच्छी न होने के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुए इसकी क्वालिटी के सुधार के लिए अपनाए जाने वाले सिस्टम की बारीक जानकारी दी। अतिथि वक्ता श्रीमती समता बजाज, निदेशक, एनविरोकॉन इंजीनियरिंग सर्विसेज ने इनडोर वायु गुणवत्ता प्रणालियों पर एक बहुत ही गतिशील और ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। उन्होंने छात्रों को एचवीएसी प्रणाली के बारे में भी बताया और बताया कि कैसे यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि एक इनडोर वातावरण मनुष्यों के लिए सुरक्षित और आरामदायक हो। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थलों में एक उचित वेंटिलेशन सिस्टम स्थापित करने से न केवल प्रदूषक स्तर में काफी सुधार होगा बल्कि यह आर्द्रता के स्तर में भी सुधार करेगा, जिससे मनुष्यों के लिए आसपास का वातावरण अधिक स्वस्थ हो जाएगा।
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वेबिनार का आयोजन संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड इन्फार्मेशन टेक्निलाजी के विभागाध्यक्ष विंसेंट बालू द्वारा किया गया था। इसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सभी स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। संस्कृति ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की वरिष्ठ प्रबंधक प्रशिक्षक सुश्री अनुजा गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में प्रारंभिक जानकारी दी। संस्कृति विवि के डीन एकेडमिक प्रो.डा. हरवीर सिंह ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि विद्यार्थियों के लिए अपनी जानकारी और ज्ञान में वृद्धि हेतु यह सेमिनार मील की पत्थर साबित होगी।
इस सेमिनार में मैकेनिकल इंजीनिरिंग के छात्र मौजूद थे और उन्होंने अतिथि वक्ताओं से एचवीसी और इनडार वायु गुणवत्ता प्रणालियों के बारे में कई सवाल कर विस्तार से जाना।