हमारे हिंदू पंचांग में हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं और हर एक एकादशी का अपना एक खास महत्व होता है |आपको बता दे की मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है और इस साल भी उत्पन्ना एकादशी 20 नवंबर 2022 को पड़ रही है | दरअसल आपको बता दें कि मान्ताओं के अनुसार इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था तो इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है | यह एकादशी माता भगवान विष्णु का ही स्वरूप मानी जाती हैं और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है |
इतना ही नहीं आपको यह भी बता दे कि हिंदू धर्म में हर एकादशी पर खास पूजा करने और व्रत रखने की परंपरा है और हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो बार एकादशी की तिथि पड़ती हैं |यह एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में जिन्हें मिलाकर साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं |
लेकिन मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को बड़ा ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकी कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी पर व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति आती है और साथ ही इस जन्म और पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं | माना जाता है की इस दिन माता एकादशी ने मुर नामक राक्षस का अंत किया था |
इन सबके अलावा इस दिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और घर के मंदिर की सफाई करने के बाद दीप जरूर जलाएं |
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और उन्हें नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, पंचामृत, अक्षत, चंदन और मिष्ठान अर्पित करें |

भगवान की आरती करें और भोग लगाएं | इसके आलवा ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है | भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें क्यूंकि ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं |
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें |
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें और संभव हो तो व्रत भी रखें क्यूंकि इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और इस दिन व्रत रखने से भक्तों को इस जन्म और पिछले जन्म के भी पापों से भी मुक्ति मिल जाती है साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है |