इन दिनों महाराष्ट्र में शिवसेना को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट आमने-सामने हैं क्यूंकि नाम और सिंबल की इस लड़ाई में चुनाव आयोग ने हाल में होने वाले उपचुनाव की बाबत उद्धव ठाकरे गुट को नया नाम और पार्टी सिंबल दे दिया है तो वहीं, शिंदे गुट को केवल नाम ही मिला है |
आपको बता दे की आयोग के इस फैसले के मुताबिक उद्धव गुट को मशाल चुनाव चिह्न के लिए मंजूरी मिली है और इस गुट का नाम अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे होगा |
इसके अलावा आपको बता दे की उद्धव गुट को ‘त्रिशूल’ का चिह्न इसलिए नहीं मिला क्योंकि इसका धार्मिक संकेत है और उगता सूरज इसलिए नहीं मिला क्योंकि यह द्रमुक के पास है |
मशाल चुनाव चिह्न 2004 तक समता पार्टी के पास था तो उसके बाद से यह किसी को आवंटित नहीं था अब इसलिए यह चिह्न उद्धव गुट को दिया गया है |
फिलहाल इस बीच यह भी सामने आया है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह के तीन विकल्प और नए नाम मांगे जाने पर दोनों गुटों ने शिवसेना नाम की मांग की तो दोनों गुटों की समान मांग को देखते हुए चुनाव आयोग ने दोनों ही गुटों को यह नाम नहीं दिया है और नाम के अलावा चिन्हों के दिए गए विकल्पों में त्रिशूल और उगता सूरज की दोनों गुटों ने मांग की थी |
चुनाव आयोग ने विकल्पों के तौर पर दिए गए चुनाव चिह्नों में से गदा और त्रिशूल को धार्मिक संकेत होने के कारण खारिज कर दिया तो वहीं उगता सूरज चुनाव निशान पहले से ही द्रमुक के पास है यह कहा गया |
आपको यह भी बता दे कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को सील कर दिया था और आने वाले उपचुनाव में दोनों में से कोई भी गुट इस चुनाव चिह्न का उपयोग नहीं कर पाएगा |चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से कहा था कि वे उपचुनावों के लिए अधिसूचित फ्री सिंबल की लिस्ट से अलग-अलग चुनाव चिह्न चुनें और जल्द ही बता दें |