26.1 C
Mathura
Thursday, September 19, 2024

जाने Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उन्हें जुड़ी ये कुछ महत्वपूर्ण बाते  

जाने Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उन्हें जुड़ी ये कुछ महत्वपूर्ण बाते  

Maharana Pratap Jayanti 2022: यूं तो महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के मुग़ल बादशाह अकबर से हारे थे लेकिन उन्होंने आत्मसमर्पण ना करके अपनी लड़ाई मुगलों के विरुद्ध हमेशा जारी रखी थी |

Maharana Pratap Jayanti 2022
Maharana Pratap Jayanti 2022

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) मेवाड़ राज्य के एक महान और वीर राजपूत राजा थे। वह अपने साहस और पराक्रम के कारण पूरे देश और विदेश में आजतक जाने जाते है |उनकी शौर्य की कहानियाँ आज भी आपको कई ऐतिहासिक किताबो में पढ़ने को मिल जायेंगी | वो मेवाड़ राज्य के 13वें राजा थे और उनकी जयंती हर वर्ष 9 मई को पूरे सम्मानजनक रूप से मनाई जाती है |

क्या सर्वे से सामने आ जायेगा Gyanvapi Masjid का छुपा हुआ सच ? Mosque परिसर

हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप की जयंती ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में आती है। इस वर्ष भी Maharana Pratap Jayanti 2022 9 मई, 2022 यानी आज के दिन देश समेत पूरे विश्व में मनाई जा रही है | महाराणा प्रताप को राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लोगो द्वारा उनको आज भी बहुत सम्मान दिया जाता है और इस दिन इन राज्यों के निवासी बहुत बहुत मानते हैं इसलिए वे इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।

चलिए अब हम आपको इस लेख के माध्यम से Maharana Pratap Jayanti 2022 के उपलक्ष्य में उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते बताते है :-

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म 9 मई 1540 को एक राजपूताना परिवार में हुआ था |उनके पिताजी उदय सिंह उदयपुर राज्य के संस्थापक थे। भारत में मुगल साम्राज्य के फैलाव को रोकने के महाराणा प्रताप द्वारा किये गये प्रयासों के लिए उन्हें आज भी जाना जाता है। हल्दीघाटी का युद्ध मुगलों के विरुद्ध एक अग्रणी युद्ध रहा था जिसमें महाराणा द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी। उन्होंने शक्तिशाली मुगल बादशाह अकबर को 3 बार युद्ध में हराया था |

यूं तो महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में हार गए थे लेकिन उन्होंने मुगलों के आगे  आत्मसमर्पण करने से इंकार करते हुए उनके विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखी और उनसे हारे अपने सारे क्षेत्रों पर फिर से अपना कब्ज़ा हासिल किया था |

कई लोग आज भी महाराणा प्रताप को देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मानते है क्योंकि उस समय जब सभी राजपूत नेताओं ने मुगलों के सामने घुटने टेक दिए थे तब महाराणा प्रताप ने अकेले ही मुगलों के खिलाफ डटकर उनका सामना किया था और उनके सामने एक चुनौती बनकर खड़े रहे। उनका शारीरिक ढांचा बहुत ही अलग था। वो 7 फीट 5 इंच के एक सुडौल और लंबे-चौड़े व्यक्ति थे जिनके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वो अपने साथ 104 किलो की तलवार आसानी से ले जा सकते थे और साथ में 72 किलो वजन का कवच भी |

Latest Posts

पीएम पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगारा डांग में स्वच्छता पखवाड़ा, नारी शक्ति मिशन गोष्ठी का आयोजन

पीएम पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगारा डांग में स्वच्छता पखवाड़ा, नारी शक्ति मिशन गोष्ठी का आयोजन राजकीय हाई स्कूल इंद्रहटा अजनर विद्यालय में उत्तर प्रदेश शिक्षा...

जनता की सेवा का मिला प्रतिफल रचना पाठक को नगर निगम मथुरा मैं कैबिनेट सदस्य किया मनोनित

जनता की सेवा का मिला प्रतिफल रचना पाठक को नगर निगम मथुरा मैं कैबिनेट सदस्य किया मनोनित मथुरा वृंदावन नगर निगम की बोर्ड बैठक मै...

राजीव एकेडमी में आयात-निर्यात व्यापार में दक्षता कौशल विकास पर हुई कार्यशाला

राजीव एकेडमी में आयात-निर्यात व्यापार में दक्षता कौशल विकास पर हुई कार्यशाला मथुरा। वैश्वीकरण के दौर में आयात-निर्यात उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में...

संस्कृति विवि में स्थापित हुए गणपति, विधिविधान से हुआ पूजन

संस्कृति विवि में स्थापित हुए गणपति, विधिविधान से हुआ पूजन मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय में विधिविधान से पूजन कर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित हुई। विवि...

नाजायज गांजा के साथ पुलिस ने 02 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

नाजायज गांजा के साथ पुलिस ने 02 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार खबर जनपद चंदौली के चकिया से है जहाँ चकिया पुलिस द्वारा अहरौरा रोड मुड़हुआ...

Related Articles