गुरुपर्व पर होडल में जगह जगह भंडारों का उपमंडल होडल में सोमवार को गुरुपर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया
गुरुपर्व पर होडल में जगह जगह भंडारों का अयउपमंडल होडल में सोमवार को गुरुपर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। शहर के सभी आश्रम और मंदिरों के साथ साथ दर्जनों जगह भंडारों का अयोजन किया गया। होडल घारम पट्टी स्थित बालाजी मंदिर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया
पौराणिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है। उनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी और इसी कारण से उनका नाम वेद व्यास पड़ा। क्षेत्र के हजारों श्रृद्धालुओ ने अपने अपने गुरुजनों की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर गुरुपर्व मनाया। गुरु पूर्णिमा भारत में अपने आध्यात्मिक या फिर अकादमिक गुरुओं के सम्मान में, उनके वंदन और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाने वाला पर्व है।
हम सब मनुष्यों के जीवन निर्माण में गुरुओं की अहम भूमिका होती है। ऐसे में माना जाता है कि जिन गुरुओं ने हमें गढ़ने में अपना योगदान दिया है, उनके प्रति हमें कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए और उसे ज़ाहिर करने के दिन के तौर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। हिंदुओ की परंपरा के मुताबिक आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।
गुरुपर्व के अवसर पर लोग जगह जगह छबील लगा कर प्यासे लोगो को मीठा पानी और भंडारे का आयोजन कर लोगो की सेवा कर पुण्य के भागी बनते है। होडल मे दर्जनों मंदिरों और आश्रमों में भक्तजनों ने अपने गुरु की सेवा कर भंडारों का अयोजन कर लोगो की सेवा की।