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Friday, September 20, 2024

केडी हॉस्पिटल में हुई महिला की जटिल सर्जरी के द्वारा आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकालकर डाइफ्राम के छिद्र को किया गया बंद

केडी हॉस्पिटल में हुई महिला की जटिल सर्जरी के द्वारा आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकालकर डाइफ्राम के छिद्र को किया गया बंद

केडी हॉस्पिटल में हुई महिला की जटिल सर्जरी के द्वारा आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकालकर डाइफ्राम के छिद्र को किया गया बंद

केडी हॉस्पिटल में हुई महिला की जटिल सर्जरी के द्वारा आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकालकर डाइफ्राम के छिद्र को किया गया बंद
केडी हॉस्पिटल में हुई महिला की जटिल सर्जरी के द्वारा आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकालकर डाइफ्राम के छिद्र को किया गया बंद

मथुरा — के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों की टीम ने गांव खायरा, तहसील छाता, मथुरा निवासी चंद्रवती (65) पत्नी तेजराम की जटिल सर्जरी कर उसे जन्मजात समस्या से निजात दिलाई। अब चंद्रवती पूरी तरह स्वस्थ है तथा भोजन भी करने लगी है।

ज्ञातव्य है कि खायरा निवासी चंद्रवती पेट में गैस बनने और खाने में अरुचि होने के कारण लगातार परेशान रहती थी। उसे कभी-कभी असहनीय पेट दर्द होने के साथ उल्टियां होती थीं। एक दिन अनायास हुए पेट दर्द के चलते पुत्र भूदेव उन्हें के.डी. हॉस्पिटल की सर्जिकल इकाई प्रथम में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा के पास लाया। प्रारम्भिक जांच से पता चला कि उसका आमाशय एवं बड़ी आंत डाइफ्राम के एक छिद्र द्वारा छाती में जा रही थी और फेफड़े को दबा रखा था। आमाशय में रुकावट होने के चलते ही उसे उल्टियां हो रही थीं।

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इस तरह की जन्मजात विकृति प्रायः बचपन में होती है। अतः इस उम्र के व्यक्ति में यह निदान करना बहुत कठिन था लेकिन डॉ. श्याम बिहारी शर्मा की सूझबूझ एवं उनके अनुभव के आधार पर ऐसी जन्मजात बीमारी का सर्जरी द्वारा उपचार करने का निर्णय लिया गया। नौ अगस्त को सारी सावधानी बरतते हुए चंद्रवती की सर्जरी की गई। डॉ. शर्मा का निर्णय सही साबित हुआ। सर्जरी के माध्यम से महिला के आमाशय और बड़ी आंत को छाती से निकाला गया तथा डाइफ्राम के छिद्र को बंद किया गया। अब चंद्रवती पूरी तरह स्वस्थ है। भोजन करने लगी है तथा अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

डॉ. शर्मा कहा कहना है कि मेडिकल भाषा में इसे मोरगेगनी डायफ्रामेटिक हर्निया कहते हैं, जिसमें आमाशय व आंतों को छाती से निकाल कर छेद को बंद किया जाता है। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. रवि बघेल, डॉ. अमरनाथ, डॉ. रीतेश, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दीपक अग्रवाल तथा टेक्नीशियन योगेश ने किया।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. आर.के. अशोका तथा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने मुश्किल सर्जरी कर महिला को जन्मजात परेशानी से निजात दिलाने वाली चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है।

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