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Friday, January 10, 2025

इस बार लोगों की बढ़ेगी सैलरी क्यूंकि भारत में नहीं पड़ेगा मंदी का असर, जानिए पूरी खबर

हमारे देश में ज्यादातर लोग नौकरी यही करते हैं कि हमारे देश में बिजनेस लोग काम करते हैं और नौकरी में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं तो उसी कड़ी में अब उन तमाम लोगों के लिए खुशखबरी है जो नौकरी करते हैं |


दरअसल आपको बता दें की बढ़ती महंगाई की वजह से भले ही दुनिया में मंदी की आशंका हो लेकिन भारत में दूसरे देशों के मुकाबले सैलरी इस बार ज्यादा बढ़ेगी क्यूंकि ईसीए सैलरी ट्रेंड्स सर्वे में ये बात सामने आई है |


यहां इस सर्वे में कहा गया है कि 2023 में सैलरी की बढ़ोतरी के मामले में भारत दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल होगा और इस क्षेत्र से भारत के अलावा चीन, वियतनाम और सऊदी अरब भी इस लिस्ट में शामिल हैं |


इसके अलावा बता दे की इस रैंकिंग में भी भारत की स्थिति चीन से बेहतर है यानि साफ तौर पर कहे की इस सर्वे में माना जा रहा है कि भारत में सैलरी हाइक चीन से भी बेहतर रहेगी |


सूत्रों के अनुसार भारत दुनिया टॉप 8 देशों में शामिल है जहां अगले साल सैलरी बढ़ सकती है तो वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका में हालात बिल्कुल उलटे हैं | क्यूंकि यहां अगले साल लोगों की सैलरी घट सकती है और वहीं पूरे क्षेत्र की बात करें तो सबसे ज्यादा मुश्किल में यूरोप है जहां वास्तविक वेतन घट सकता है |

वहां वास्तविक वेतन का मतलब वो रकम होती है जिसमें वेतन में बढ़ोतरी पर महंगाई के असर को शामिल किया जाता है यानि सैलरी हाइक में महंगाई को घटाया जाता है |यूरोप में भी सबसे ज्यादा मुश्किल में यूके होगा जहां वेतन में वास्तविक रूप से 5.6 प्रतिशत की गिरावट रह सकने का पूरा अनुमान है |


इतना ही नहीं इनके अलावा बता दें कि वर्ष 2023 में भारत में सैलरी में 4.6 प्रतिशत, वियतनाम में 4 प्रतिशत, ब्राजील में 3.4 प्रतिशत, सउदी अरब में 2.3 प्रतिशत, मलेशिया में 2.2 प्रतिशत, कंबोडिया में 2.2 प्रतिशत, थाइलैंड में 2.2 प्रतिशत, ओमान में 2 प्रतिशत और रूस में 1.9 प्रतिशत और वहीं दूसरी तरफ बात करें पाकिस्तान की तो वहाँ वास्तविक सैलरी में 9.9 प्रतिशत, घाना में 11.9 प्रतिशत, टर्की में 14.4 प्रतिशत, श्रीलंका में 20 प्रतिशत और अर्जेंटीना में 26.1 प्रतिशत की गिरावट की संभावना है |


इन देशों में वास्तविक सैलरी में गिरावट यहां की महंगाई दर में रिकॉर्ड तेजी की वजह से है |
बता दें कि फिलहाल इस सर्वे में 360 मल्टीनेशनल कंपनियां शामिल हैं और इन कंपनियों से जुड़े 68 देशों के कई शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों के बारे में सवाल पूछे गए थे जिस के जवाबों के आधार पर ही ये नतीजे निकाले गए हैं लेकिन फिर भी देखने वाली बात होगी कि यह नतीजे कितने हद तक सटीक बैठते हैं |

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