सहायता समूह ऑक्सफैम की रिपोर्ट से हुआ ये चौकाने वाला खुलासा,वर्ष 2021 क्ले दौरान भारत के शीर्ष एक प्रतिशत लोगो के पास मौजूद थी देश की लगभग आधी संपत्ति
मानवीय संगठन ऑक्सफैम के एक नए विश्लेषण के अनुसार, भारत में धन का स्वामित्व 2021 में एक महत्वपूर्ण सीमा तक शीर्ष 1% के पास था। इसके अतिरिक्त, यह पता चला कि 2022 में राष्ट्र में 166 अरबपति थे, जो 2020 में 102 से अधिक थे। शोध के मुताबिक, भारत के गरीब ‘जीवित रहने के लिए बुनियादी जरूरतों को भी वहन नहीं कर सकते।’
ऑक्सफैम के अनुसार, ‘भारत में असमानताएं फैल रही हैं’ और उनका प्रभाव ‘भारतीय समाज की परिधि पर विशेष रूप से स्पष्ट है, कुछ समुदायों के साथ, जैसे अनुसूचित जनजाति (एसटी), भौतिक अलगाव से पीड़ित हैं और प्राप्त करने के साधनों से व्यवस्थित बहिष्करण से पीड़ित हैं। लंबवत गतिशीलता।’
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रिपोर्ट के अनुसार, धन की एकाग्रता ‘जाति जैसी आदिम विशेषताओं के आसपास बनी हुई है,’ और समाज के ऐतिहासिक रूप से वंचित तत्वों के बीच ‘हाशिए की निरंतरता’ है जो अभी भी अंतर-पीढ़ीगत गरीबी में फंसे हुए हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद, भारत में सबसे नीचे की 50 प्रतिशत आबादी ने अपनी ‘संपदा छीन ली’ देखी है। मई और दिसंबर 2022 के बीच, मुद्रास्फीति लगातार संशोधित भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में निर्धारित छह प्रतिशत वैधानिक सीमा को पार कर गई।