हमारे देश में प्राचीन इतिहास और उनकी घटनाओं को व्यक्त करने वाले बहुत से मंदिर हैं और इनमें कई सारे कई शिव मंदिर ऐसे भी हैं जहां पर पहुँचने के लिए भक्तों को काफी कठिन यात्रा भी करनी होती है
तो इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे ही भगवान शिव के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर मत्था टेकने के लिए श्रधालुयों को पूरे साल इंतजार करना होता है |
दरअसल आपको बता दें की जयपुर स्थित जेएलएन मार्ग पर बिरला मंदिर के पीछे मोती डूंगरी पर अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जाने, जाने वाला शिव मंदिर शंकर गढ़ी के द्वार खुलने का भक्त एक साल तक इन्तजार करते है |

आपको बता दे की यहां पर इस मंदिर को अंत्यन्त चमत्कारी माना जाता है और यह मंदिर जयपुर की स्थापना से भी पहले बानया गया था |
इस मंदिर में सिर्फ भोलेनाथ शिवलिंग के रुप में विराजमान है और यह भी कहा जाता है कि पहले शिव के साथ शिव परिवार की स्थापना की थी लेकिन कुछ समय बाद उनकी प्रतिमाएं गायब हो गई थी, इसके पश्चात फिर शिव परिवार की स्थापना की गई लेकिन एक बार फिर शिव परिवार अदृश्य हो गया |
इतना ही नहीं आपको यह भी बता दें कि इस घटना के बाद किसी ने फिर मूर्तियों को स्थापित करने का साहस नहीं किया |
अब यहां राज परिवार की ओर से पूजा-अर्चना की जाती थी और यह मंदिर साल में एकबार ही खुलता है इसलिए शिवरात्रि के दिन इसके प्रति श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण होता है |
फिलहाल करीब एक किलोमीटर की चढ़ाई कर एवं कई घंटों तक लाइन में लग कर लोग यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं और यही कारण है कि यह चर्चा में रहता है और इसकी बड़ी मान्यता भी है |