मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और जागरूक बनें संस्कृति विवि में हुआ जागरूकता कार्यक्रम
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संस्कृति विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने विश्व मानसिक जागरूकता दिवस का आयोजन किया। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हाल में आयोजित कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा विश्वविद्यालय के अन्य छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
इस मौके पर उपस्थित छात्र, छात्राओं, शिक्षकों को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष श्रीमती मोनिका अबरोल सहित अन्य वक्ताओं ने तनाव, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यदि समय रहते इनका समाधान कर लिया जाय तो हम कई समस्याओं से निजात पा जाते हैं। वक्ताओ ने कहा कि ये तो अधिकांश लोगों ने सुन ही रखा होगा कि एक स्वस्थ मस्तिष्क ही शरीर को स्वस्थ रख सकता है। थोड़े से प्रयास और जानकारी से हम अपने मस्तिष्क के तमाम विकारों को दूर कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना कितना जरूरी है इसके लिए बीए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने एक नाटक द्वारा समझाने का प्रयास किया। कार्यक्रम का प्रारंभ बीए प्रथम वर्ष की छात्रा दीप शिखा के वक्तव्य से हुआ। विद्यार्थियों ने एक नाट्य प्रस्तुति के द्वारा ग्रामीण परिवेश में होने वाली सामान्य समस्या ‘तनाव’ के बारे में बताया गया तथा उसके निवारण में ग्राम प्रधान और सरकारी उपक्रमों की क्या भूमिका होती है उसको दर्शाया गया।
एक अन्य नाट्य प्रस्तुति में विद्यार्थियों ने पारिवारिक तनाव के कारण होने वाली समस्याओं को बड़े सहज ढंग से समझाया गया। वहीं अगली प्रस्तुति में परामर्शदाता की उपयोगिता और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को बताया गया। मंच संचालन अन्वी दीक्षित, वेदिका रुहेला द्वारा किया गया एवं नाट्य प्रस्तुतियों के प्रमुख पात्रों को मंच पर प्रीति लोधी, माधवी पाराशर, फैजिया खान, आनंद सिंह, रमा त्रिपाठी, सौम्या सिंह, शिवांगी अग्रवाल, प्रियंका चौधरी, गोविंद सिंह, कोमल जोशी, निकिता चौधरी, अभिषेक बघेल, स्नग्धा, ज्योति कुंतल, अंजली अग्रवाल, उमा सिंह, शिवानी, इशिका, पूजा यादव, मुस्कान शर्मा, विद्या, महिमा, हेमा, शिवांगी, चंदा ने जीवंत किया। कार्यक्म को सफल बनाने में डा. उर्वशी शर्मा, डा. रिचा चौधरी एवं अर्पिता नीमा का विशेष सहयोग रहा। अतिथियों के रूप में प्रोफेसर ब्लैसी, लोकेश तन्वर, सवन और नेहा उपस्थित रहीं। धन्यवाद ज्ञापन संस्कृति स्कूल आफ साइकॉल़ॉजी विभागाध्यक्ष मोनिका अबरोल ने किया।