संस्कृति योगा एंड फिटनेस क्लब द्वारा सूर्य नमस्कार दिवस मनाया गया। इस मौके पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गयी जिसमें डाइजेस्टिव हेल्थ और हेल्दी डाइट को लेकर उपयोगी जानकारी देकर सबको अच्छे स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया गया। दोनों ही कार्यक्रमों को विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सफल बनाया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के मैदान में सूर्य नमस्कार का आयोजन प्रातः आठ बजे से किया गया। सूर्य नमस्कार के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने और छात्राओं को प्रतिदिन सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह आयोजन पांच फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस के रूप में मनाया गया। संस्कृति आयुर्वेद कालेज के डा. वंश ने सूर्य नमस्कार का महत्व बताते हुए कहा कि हमारे देश में वैदिक काल से ही इसकी महती मान्यता है। इसे सर्वश्रेष्ठ आसन कहा जाता है, जो न केवल शरीर और मन को संतुलित करने में मदद करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र, त्वचा, मांसपेशियों, पाचन तंत्र, संचार प्रणाली को भी मजबूत करता है, वजन घटाने में मदद करता है और याददाश्त बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास सांस, मंत्र और एकाग्रता के साथ किया जाना चाहिए। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं, जैसे प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्त पादासन, अश्व संचालनासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन, अश्व संचालनासन, हस्तपादासन, हस्तउत्तानासन, ताड़ासन।
संस्कृति विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान पर प्रशिक्षित शिक्षकों के निर्देशन में लगभग दो सौ से अधिक विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार के साथ अनुलोम-विलोम, भांमरी प्रणायाम किया। सूर्यनमस्कार और प्राणायाम करने वालों में विद्यार्थियों के अलावा संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.एम. मोहनन, विभागाध्यक्ष, स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा.डीएस तोमर,डा. तनुश्री, डा. स्नेहा, आशीष भी मौजूद थे। कार्यक्रम में सहयोग देने वाले विद्यार्थियों में हीरामनी तनवर, देवांशु, इशिता, कुमोदनी, कृष्णा, प्रज्ज्वल, छवि आदि थीं।
इसी दिन संस्कृति विवि के सभागार में विशेषज्ञ वक्ताओं ने पाचन तंत्र और स्वास्थवर्धक भोजन के विषय में विस्तार से बताया। वक्ताओं ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि गलत आहार लेने से क्या-क्या परेशानियां और बीमारियां हो सकती हैं। यह भी बताया कि हमारे स्वस्थ जीवन के लिए कैसा और कितना आहार लेना जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान योगासन और प्राणायाम के लाभ भी बताये गये। कार्यक्रम का शुभारंभ विवि के कुलपति प्रो.बीएम चेट्टी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में कुलपति के अलावा डा. तनुश्री, डा.स्नेहा, डा.अनिधि, डा.ऋचा, डा. वंश, डा.इशिता ने उपयोगी जानकारियां दीं।
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