इन दिनों हमारे देश में सोवा वायरस फैल रहा है, यह वायरस कोई कोरोना वायरस की तरह तो नहीं है लेकिन इस वायरस से आपके अकाउंट जरूर खाली हो जाते हैं |
दरअसल आपको बता दे की आपके बैंक के मिलते जुलते नाम से आपको एक एसएमएस, वाट्सएप या ई-मेल आता है और इसमें बैंक के ऐप का एक लिंक होता है |
आप लिंक पर क्लिक करके ऐप डाउनलोड कर लेते हैं और कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि आपके अकाउंट का सारा पैसा उड़ गया है |
इस वायरस को लेकर सबसे पहले एसबीआई ने अपने ग्राहकों को आगाह किया है | एसबीआई बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे किसी लिंक पर क्लिक करके या अनऑफिशियल स्टोर से बैंकिंग ऐप्स को इंस्टॉल नहीं करें |
बैंक ने कहा कि यह वायरस यूजर्स की पर्सनल इन्फॉर्मेशन चुराता है |एसबीआई ने अपने ग्राहकों को यह भी बताया है की सोवा एक मालवेयर है, जो व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए बैंकिंग ऐप्स को टार्गेट करता है |
आप कोई भी लिंक पर क्लिक करके या अनऑफिशियल स्टोर से ऐप्स इंस्टॉल न करें ताकि आपकी पूरी इंफॉर्मेशन चुराई ना जा सके |इतना ही नहीं आपको यह भी बता दे की देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने भी इस वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है और भारतीय साइबर क्षेत्र में इस वायरस का सबसे पहले जुलाई में पता चला था |
तब से इसका पांचवां संस्करण आ गया है | इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स के मुताबिक संस्थान को यह बताया गया है कि भारतीय बैंक के ग्राहकों को नये सोवा एंड्रॉयड ट्रोजन के जरिये निशाना बनाया जा रहा है | इसमें मोबाइल बैंकिंग को टार्गेट किया जा रहा है और इस मालवेयर का पहला वर्जन छिपे तरीके से सितंबर 2021 में बाजारों में बिक्री के लिए आया था | यह लॉगिंग के माध्यम से नाम और पासवर्ड, कुकीज चोरी करना और ऐप को प्रभावित करने में सक्षम है |
इससे पहले यह वायरस अमेरिका, रूस और स्पेन जैसे देशों में एक्टिव था परन्तु आज के समय में यह हिंदुस्तान में भी तेजी से पैर पसार रहा है जो की चिंता का विषय बन सकता है |