मशीनों से काम कराकर मजदूरों का मार रहे हक, मनरेगा योजना में मजदूरों को देना था काम, रूपेपुर पंचायत का मामला
शिवपुरी अभी न्यूज़ (अतुल जैन ) प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा के तहत भले ही लाखों रुपए के विकास कार्य मंजूर किए गए हैं और गांव के मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए लाखों की राशि भी स्वीकृत की है, लेकिन पिछोर क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूपेपुर में सरपंच व सचिव की मनमानी से मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि पिछोर क्षेत्र की पंचायतों के दबंग सरपंच-सचिव सहित सब-इंजीनियर और अफसरों की सांठगांठ से मनरेगा में जमकर गड़बड़ी की जा रही है. यही वजह है कि मजदूर बगैर रोजगार के अपने घर पर हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे हुए हैं.
खास बात यह है कि मामले की जानकारी बड़े अफसरों को होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और जिम्मेदार मौन हैं. ऐसे में पिछोर क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूपेपुर के सरपंच-सचिव मनरेगा की राशि को ठिकाने लगाने में लगे हुए हैं. जिले की पिछोर जनपद पंचायत में सरपंच-सचिवों की मनमानी के चलते मनरेगा सहित शासन की अन्य योजनाओं में जमकर घालमेल किया जा रहा है. प्रदेश शासन ने जिला पंचायत व जनपद पंचायत के अफसरों को साफ निर्देश दिए थे कि गांव के मजदूरों को अपने गांव में ही मनरेगा योजना के तहत रोजगार दिया जाए, जिससे कि उनको रोजगार के लिए न भटकना पड़े, लेकिन पिछोर जनपद की ग्राम पंचायत रूपेपुर के सरपंच-सचिवों ने ब्लॉक के सब इंजीनियरों के साथ मिलकर न सिर्फ मशीन से काम कराकर मजदूरों को रोजगार नहीं दिया बल्कि सरकार द्वारा जारी की गई राशि में जमकर घालमेल करते हुए शासन की मंशा पर पलीता लगा दिया.सब इंजीनियरों ने कमीशन के फेर में कर दिया सरपंच-सचिव ने सब इंजीनियरों के साथ मिलकर ग्राम पंचायत मनरेगा के तहत आने वाले पूरे बजट को ठिकाने लगा दिया. पिछोर क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सब इंजीनियरों ने कमीशन के फेर में ग्राम पंचायत के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए मोहर लगा दी.पिछोर की पंचायतों में सरपंच-सचिवों ने सब इंजीनियरों के साथ मिलकर जो घोटाला किया है, इन मामलों में सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देकर भ्रष्ट अफसरों को पनाह दी जा रही है. ऐसे में सरपंच-सचिव मनरेगा की राशि को खुर्दबुर्द करने में जुटे हुए हैं रूपेपुर पंचायत में मजदूरों की जगह मशीनों से कराया जा रहा है कार्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पंचायतों के माध्यम से मजदूरों को मजदूरी दिलाने के लिए मनरेगा में लाखों रुपए की राशि मंजूर कर दी, लेकिन पिछोर की ग्राम पंचायत रूपेपुर में मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है, जिससे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है