संस्कृति विवि में प्रवेश लेने वालों को विद्वानों ने बताया आगे बढ़ने का तरीका
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में सत्र 2024 -25 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘दीक्षारंभ 2024’ का विधिवत शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि ग्रुप कमांडर पी.एस. सांगवान ने विद्यार्थियों अब्राहम लिंकन, लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को संवारने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह समय है कि आप लोग दुनिया में सफल व्यक्तियों की जीवनियां पढ़ें, उनसे प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाएं। उन्होंने बताया कि आपके लिए कठिन परिश्रम ही तरक्की का एकमात्र रास्ता है। अपना समय सोशल मीडिया पर न गवाएं, उसका उपयोगी लाभ उठाएं। ब्रिगेडियर पीएस सांगवान ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब हमारा लक्ष्य स्पष्ट होता है तो हमें उसको पाने में समस्या नहीं आती। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी चुनौतियों का डटकर सामना करें और अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रहें। विशिष्ठ अतिथि कैप्टेन रजत पांडेय ने छात्रों को राष्ट्र धर्म का पालन करने एवं मिट्टी से जुड़ कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को दिन की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं धरती माँ को प्रणाम कर करें। भारतीय ज्ञान, वेशभूषा, परम्परा को अपनाएं। उन्होंने बदलते समय में कृषि के महत्व को बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र ऐसा है जिसके द्वारा न केवल आप समाज की सेवा बल्कि देश की सेवा भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में अनुसंधान करने की बहुत गुंजाइश है, अनुसंधान का कार्य आप कर सकते हैं। आप शिक्षा को अपना हथियार बनाएंगे तो हर मोर्चे पर जीत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों कोनियमित किताब पढ़ने, सोशल मीडिया की झूठी खबरों से सावधान रहने के लिए प्रेरित किया और सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं । विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों से अपने आप को पहचानने की आवश्यकता पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं जो उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर पा रहे हैं। आप अपने मार्ग का सही चुनाव करें। माता-पिता को अपनी सफलता से गर्व करने का मौका दें। आपकी सफलता सिर्फ आपके लिए ही महत्वपूर्ण नहीं होती आपके शिक्षण संस्थान, परिवार, समाज और देश के लिए भी गर्व का विषय बनती है। विद्यार्थियों को नए-नए आइडियाज पर काम करना चाहिए। अपने गुरुओं से मार्गदर्शन लेना चाहिए। अपने काम का एक रोडमैप स्वयं बनाएं और उसपर चलते हुए सभी चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल करें। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी एवं अन्य संसाधनों का प्रयोग करे, योग एवं व्यायाम को नित्य करे तथा भारतीय संस्कृति का पालन करें। विवि के कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी ने नए विद्यार्थियों को संस्कृति विश्वविद्यालय की सोच और लक्ष्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आपने जिस संस्थान में प्रवेश लिया है उसकी सोच आपको अच्छा प्रोफेशनल बनाने के साथ एक संस्कारिक नागरिक बनाने की है। उन्होंने विद्यार्थियों से विवि द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का भरपूर लाभ लेकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्रुप कमांडर पी.एस. सांगवान, विशिष्ठ अतिथि कैप्टेन रजत पांडेय, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी, ग्रुप कमांडर के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन से हुआ।