संस्कृति विवि में छात्रों को समर ट्रेनिंग प्रोग्राम अंतर्गत मिला वेब डिजाइनिंग का प्रशिक्षण
संस्कृति विवि में छात्रों को समर ट्रेनिंग प्रोग्राम अंतर्गत मिला वेब डिजाइनिंग का प्रशिक्षण: इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत विभिन्न कोर्स के 150 छात्रों को दिया गया प्रशिक्षण |संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग और ट्रेनिंग विभाग द्वारा संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों को लेकर समर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है।
संस्कृति विवि में आयोजित वेब डिजाइनिंग के प्रशिक्षण शिविर में विद्यार्थियों को एमएसएमई आगरा से प्रोसेस एंड प्रोडक्ट डवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) के प्रशिक्षक अंकित पाराशर द्वारा किया गया संबोधित:
विवि के विद्यार्थियों के लिए शुरू हुए इस बहुउद्देश्यीय कार्यक्रम के तहत वेब डिजाइनिंग ट्रेनिंग का शुभारंभ करते हुए एमएसएमई आगरा से आए प्रोसेस एंड प्रोडक्ट डवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) के प्रशिक्षक ने कहा कि आज के समय विद्यार्थियों के लिए तकनीकियों का अतिरिक्त ज्ञान उनके कैरियर को आगे ले जाने में बहुत बड़ा योगदान देता है।
वेब डिजाइनिंग के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत संस्कृति विवि के बी.टेक, बीसीए, एमसीए डिप्लोमा, बीबीए और एमबीए के लगभग डेढ़ सौ छात्रों ने एमएसएमई के ट्रेनर अंकित पाराशर से वेब डिजाइनिंग के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण हासिल किया। ट्रेनिंग का यह प्रोग्राम 15 दिनों तक चला। प्रशिक्षक अंकित पाराशर ने विद्यार्थियों को बताया कि एक कंपनी की वेबसाइट बनाते समय किस तरह से प्रोफेशनल नजरिया काम आता है।
उन्होंने बताया कि वेब पेज डिजाइन करने की एक प्रक्रिया होती है जिसमें बहुत सारे टेक्निकल टर्म्स का प्रयोग होता है, इसी को वेब डिजाइनिंग कहते हैं। किसी भी कंपनी के लिए उसका वेब पेज बहुत महत्वपूर्ण होता जिसपर कि कंपनी की सभी जानकारी होती हैं। किसी भी वेबसाइट या वेब पेज को हाइपर टेक्स मार्कअप लैग्वेज की सहायता से बनाया जाता जिसे एचटीएमएल कहते हैं। यह एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा होती है जिसका स्ट्रक्चर कोडिंग के रूप में होता है। वेब डिजाइन करने के लिए एचटीएमएल लैंग्वेज का प्रयोग कर एक खूबसूरत वेबसाइट डिजाइन करते हैं।
प्रशिक्षण के इन 15 दिनों के दौरान विद्यार्थियों ने पूरी रुचि लेकर वेब डिजाइनिंग सीखी और अतिरिक्त ज्ञान की उपलब्धि पर संतोष व्यक्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में संस्कृति विवि के ट्रेनिंग सेल की मैनेजर अनुजा गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर सगारिका गोस्वामी, असिस्टेंट प्रोफेसर शिखा पाराशर का विशेष योगदान रहा।