संस्कृति विवि में हवन-पूजन के साथ नए सत्र का शुभारंभ
संस्कृति विवि में हवन-पूजन के साथ नए सत्र का शुभारंभ: संस्कृति विश्वविद्यालय में नए सत्र का शुभारंभ हवन-पूजन के साथ संपन्न हुआ। नए सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के शिक्षण का कार्य सात सितंबर से शुरू हो जाएगा। इस मौके पर विवि के चांसलर ने विद्यार्थियों को संदेश जारी करते हुए कहा कि वे सतत परिश्रम और लगन के साथ अपने चुने हुए विषयों में विद्याध्ययन कर अपने सपनों को साकार करें।

चांसलर सचिन गुप्ता ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को अगाह करते हुए कहा है कि वैसे तो सभी के लिए अनुशासित जीवन का बड़ा महत्व होता है लेकिन विद्यार्थियों के लिए अनुशासित जीवन ही उनके भविष्य की राह तैयार करता है। संस्कृति विवि विद्यार्थियों के लिए विश्व स्तरीय सभी सुविधाएं और आवश्यक सभी तरह के पाठ्यक्रमों के लिए सहायक विशेष ज्ञान और कौशल हासिल करने के अवसर प्रदान करता आ रहा है।
देश और विदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं से हाथ मिलाकर उपयोगी प्रशिक्षण, शिक्षण और अन्वेषण के मौके विद्यार्थियों को मिलेंगे, जिनका लाभ उठाकर विद्यार्थी विशेष दक्षता हासिल करने में कामयाब होंगे, ऐसा विवि प्रशासन का मानना है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे ऐसा ज्ञान हासिल करें ताकि उद्यमी बन सकें। उद्यमी बनकर वे बहुत सारे लोगों को रोजगार भी दे सकेंगे और ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के निर्माण में उनका योगदान भी होगा।
संस्कृति विवि के डी ब्लाक में नवीन सत्र का शुभारंभ हवन-पूजन के साथ संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता साथ में विवि के कुलपति डा. तन्मय गोस्वामी द्वारा किया गया
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तन्मय गोस्वामी ने शिक्षकों से अपेक्षा करते हुए कहा कि विद्यार्थी देश का भविष्य हैं और इनको ज्ञानवान बनाने की जिम्मेदारी आपकी है। इसीलिए कहा जाता है कि किसी भी देश की तरक्की में शिक्षक का बड़ा योगदान होता है। आप अपनी इस जिम्मेदारी पर खरे उतरेंगे ऐसा विवि प्रशासन का मानना है। उन्होंने कहा ओरियंटेशन प्रोग्राम के बाद शिक्षण कार्य प्रारंभ हो जाएगा, शिक्षक यदि अपना शत-प्रतिशत देंगे तो विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति भी अच्छी होगी।