रंगोत्सव में वही काव्य रस धारा, कवियों के साथ दर्शकों ने गाए गीत, जमकर लगाए ठहाके।
मथुरा में चल रहे पांच दिवसीय रंगोत्सव कार्यक्रम में मुक्ताकाशीय रंगमंच का प्रांगण उस समय हंसी और ठहाकों से गूंज उठा जब मुक्ताकाशीय रंगमंच के मंच पर कवियों ने काव्य रस धारा और हास्य व्यंग से समा बांध दिया और अपनी कविताओं से लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया साथ ही कवियित्री और कवियों द्वारा गाए गए गीतों पर जनता ने भी उनका भरपूर साथ दिया और उनके साथ में सुर से सुर मिला कार्यक्रम की शुरुआत कवियित्री डॉक्टर ममता शर्मा ने मां सरस्वती की वंदना गाकर की और मंच का संचालन मथुरा के प्रमुख अधिवक्ता व प्रख्यात कवि राम सरीन एडवोकेट ने किया दूसरे नंबर पर आई कवियित्री रुचि चतुर्वेदी ने अपनी शुरुआत नुक्ते से की और अंत गणित के एक गीत से किया जिनके बाद आए प्रख्यात कवि सर्वेश अस्थाना ने अपने हास्य व्यंग और कविताओं से लोगों को हंसने गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया और जमकर तालिया बटोरीं उनके बाद आए मशहूर गीतकार कवि डॉक्टर विष्णु सक्सेना ने तुम हमारी कसम तोड़ दो , हम तुम्हारी कसम तोड़ दें गीत से समां बांध दिया जिस पर लोगों द्वारा उनका भरपूर साथ दिया गया और फिर से अपना कविता पाठ करने आई डॉक्टर ममता शर्मा ने लालू यादव के 9 बच्चों पर लिखी कविता पढ़ी तो लोगों ने जमकर ठहाके लगाए और इस प्रकार यह कवि सम्मेलन देर रात तक चलता रहा जिसके बाद कवि सम्मेलन के स्पॉन्सर मथुरा के प्रमुख उद्योगपति पवन चतुर्वेदी उमा मोटर्स और संस्कृति यूनिवर्सिटी द्वारा कवियों का स्मृति चिन्ह और पटका पहनाकर स्वागत किया गया