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Friday, December 27, 2024

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने जानी पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने जानी पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा आईटी की एडवांस टेक्नोलॉजी पायथन लैंग्वेज पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सॉफ्टवेयर अनालिस्ट चैतन्य सोनी रेपुटेड एम.एन.सी. (नोएडा) ने छात्र-छात्राओं को आईटी क्षेत्र की मूलभूत बारीकियों से अवगत कराने के साथ ही पायथन लैंग्वेज की उपयोगिता और इससे मिलने वाले जॉब अपार्च्युनिटीज पर विस्तार से जानकारी दी।
रिसोर्स परसन चैतन्य सोनी ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को बताया कि पायथन सबसे अच्छी प्रोग्रामिंग भाषा है। यह सरल, स्वच्छ सिंटेक्स, आब्जेक्ट एनकेप्सुलेशन, अच्छी लाइब्रेरी समर्थन और वैकल्पिक नामित पैरामीटर है। इसीलिए यह कम्प्यूटर की विश्वस्तरीय सर्वश्रेष्ठ भाषा है। श्री सोनी ने पायथन लैग्वेज की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कम्प्यूटर में सामान्य प्रयोजन वाली प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग वेब विकास से लेकर डेटा विश्लेषण तक कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है। पायथन का सिंटेक्स सरल और समझने में आसान है जिससे यह सभी स्तर के डेवलपर्स के लिए सुलभ है। यह स्पष्ट और पठनीय कोड प्रदान करती है इसीलिए यह आईटी क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय भाषा है।
श्री सोनी ने कहा कि यह केवल भाषा ही नहीं बल्कि पूरा डेटा विज्ञान है जिसे सीखकर अच्छे कौशल के साथ विद्यार्थी किसी भी संस्थान में उच्चतम पैकेज पर जॉब प्राप्त कर सकता है। यह एकमात्र ऐसी मशीन लर्निंग भाषा है जोकि विद्यार्थियों को मशीन लर्निंग के साथ-साथ आईटी से सम्बन्धित सभी कार्यों को करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप पायथन सीखकर स्वयं के वेब विकास ज्ञान को काफी आसान बना सकते हैं।
कार्यशाला में कम्प्यूटर भाषा का महत्व बताते हुए रिसोर्स परसन ने कहा कि आज हरेक संस्थान में पायथन लैंग्वेज के जानकारों की मांग है। पायथन लैंग्वेज में पारंगत व्यक्ति को मुंह मांगा वेतन देने के लिए कम्पनियां तैयार रहती हैं। इसकी मुख्य वजह इसका सामान्य प्रयोजनों के कार्यों के साथ-साथ डाटा माइनिंग व बिग डाटा के फैसिलिटेशन के लिए अत्यन्त उपयुक्त होना है। यह एक ओपन सोर्स भाषा है जिसमें आईटी का जबरदस्त आधार समर्थन है।
श्री सोनी ने बताया कि इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। इसकी मदद से संसाधन सर्च करना आसान होता है। नौकरी पेशा क्षेत्र, स्वास्थ सेवा, खुदरा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में पायथन जानने वाले एक्सपर्ट की भारी मांग है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपना स्किल डेवलप करने के लिए अलग से पायथन कोर्स भी कर सकते हैं ताकि उनको करियर निर्माण में मदद मिले। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि पायथन ओपन सोर्स प्रोग्रामिंग भाषा है। इसीलिए दुनिया भर के कई देशों ने इस भाषा में योगदान देने के साथ-साथ इसे जॉब देने वाला साधन माना है।
पायथन में बड़ी संख्या में लाइब्रेरीज जैसे पांडा, न्यूम्पी टेंसरफ्लो आदि डेवलपर्स का कार्य आसान बनाती है। कार्यशाला में वेब विकास डेटा विश्लेषण विजुअलाइजेशन, मशीन लर्निंग, एआई खेल विकास, सॉफ्टवेयर विकास, वेब स्क्रेपिंग अनुप्रयोग, एम्बेडेड अनुप्रयोग, सीएडी अनुप्रयोग, आडियो और वीडियो अनुप्रयोग, इंटरप्राइज ऐप्स आदि पर भी चर्चा हुई। कार्यशाला में पायथन परिचय, हैलो वर्ड्स प्रोग्राम, आईडीएलई फॉर कम्पाइलिंग एण्ड रनिंग प्रोग्राम, बेसिक डाटा टाइप्स एण्ड असाइनमेंट्स, आइडेण्टिफायर एण्ड आइडेण्टेशन, डाटा आपरेशन, सिक्वेंस टाइप्स, ट्यूपल्स, लिस्ट आपरेटर्स एण्ड एक्सप्रेशन, डिक्शनरी एण्ड सेट्स, कण्ट्रोल स्ट्रक्चर फंक्शन्स, वैरिएबल स्कोप-ग्लोबल, लोकल आदि पर भी विचार मंथन हुआ। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने सॉफ्टवेयर अनालिस्ट चैतन्य सोनी का आभार माना।

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