संस्कृति विवि में कलाम की जयंती पर सजाई पोस्टर गैलरी
संस्कृति विश्वविद्यालय में मिसाइल मैन व भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम की जयंती एवं “विश्व स्टूडेंट डे” पर विवि में अध्ययनरत देश-विदेश के विद्यार्थियों ने पोस्टर गैलरी लगाई। पोस्टर गैलरी का उद्घाटन मुख्य अतिथि फिजी के उप उच्चायुक्त नीलेश कुमार ने किया। इस मौके पर फिजी से आए लोक संस्कृति कलाकारों ने भारतीय लोक संस्कृति से ओतप्रोत फिजी वासियों की भावनाओं को अपने संगीत के माध्यम से प्रस्तुत कर सबका मनोरंजन किया।
उद्घाटन के दौरान फिजी के उप उच्चायुक्त नीलेश कुमार ने कहा कि नवाचार की कोई सीमा नहीं होती, और दुनिया के विभिन्न कोनों से युवाओं को अपने रचनात्मक विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ इसमें सहभागिता करना अद्भुत है। ये नवाचार न केवल अपने देशों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक उज्जवल भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। विश्वविद्यालय की सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र अपनी अपनी इनोवेटिव प्रतिभाओं के साथ विश्व में परम वैभव की स्थापना करेंगे।
इनोवेटिव आइडियाज पोस्टर प्रदर्शनी में विभिन्न प्रतिभागियों में से निर्णायक मंडल ने ब्लाक चैन पर आधारित वोटिंग सिस्टम पर इनोवेटिव आईडिया पर पोस्टर प्रदर्शित करने पर स्कूल आफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से रेनू चौधरी, अनुज शर्मा व कार्तिक तिवारी को प्रथम तथा उच्च ताप पर एडवांस सुपरकंडक्टर्स पर स्कूल आफ़ मेडिकल एलाइड सांइस के दो विदेशी छात्र एडेल व फेस्टस को अपने इनोवेटिव आइडिया पर द्वितीय व विशाल, शिवम गौतम को अपने इनोवेटिव आईडिया वायरलेस दूरी मापन यंत्र पर पोस्टर प्रदर्शित करने पर तृतीय स्थान पर चयनित किया है। इसके अलावा सांत्वना पुरस्कार के लिए एमएस लहरी, धनसाई प्रसन्ना, बी एस सी (रेडीयेशन इमेजिंग टैक्नोलॉजी ) तथा तनुष्ठा वशिष्ठ, बीएससी-बीएड को चुना गया । इस आयोजन का संयोजकत्व इनोवेशन क्लब के संयोजक प्रो रतीश शर्मा, डा कुंदन चौबे, डा गौरव सारंग, डा नेहा पाठक, डा रोहित सिंघल, डा आरपी जयसवाल, सुभांगी पाटीदार व डा करन गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण डा धर्मेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
फिजी से आए लोक संस्कृति कलाकारों शैलेंद्र सिंह, देव शंकर रेड्डी, अभिनय कुमार, नवलीन, प्रदीप कुमार, संदीप कुमार, श्रीमती आरती ने उपस्थित लोगों को फिजी के इतिहास को समेटे हुए प्रचलित लोक गीत सुनाकर उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया।