देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज महाकाल लोक का उद्घाटन किया | उद्घाटन को करने के बाद उन्होंने वहां की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है यहां सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है |अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है |
यह जय महाकाल उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह! अवंतिका की ये आभा, ये अद्भुतता, ये आनंद! महाकाल की ये महिमा, ये महात्म्या! ‘महाकाल लोक’ में लौकिक कुछ भी नहीं है | हम सभी की तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरुप का निर्माण होता है और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं |
ये सारी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जनता को संबोधित करते हुए कही इसके अलावा उन्होंने कहा कि उज्जैन के छण-छण में, पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है और कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है | यहां के कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है |
उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, और साहित्य का नेतृत्व किया है क्यूंकि किसी भी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है |
सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए और अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो |
इतना ही नहीं पीएम ने यहां यह भी कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आहृवान किया है तो इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है और काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है |
क्यूंकि हमारे शास्त्रों में एक वाक्य है- शिवम् ज्ञानम् इसका अर्थ है शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है | भगवान शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांण्ड का सर्वोच्च दर्शन है |
क्यूंकि आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए, हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जा रहे हैं क्यूंकि आजादी के बाद ही पहली बार करतारपुर साहिब खुला है | उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना से देशभर में हमारी आध्यात्मिक चेतना के ऐसे कितने ही केंद्रों का गौरव पुन: स्थापित हो रहा है और इसी कड़ी में भव्य और अतिभव्य महाकाल लोक भी अतीत के गौरव के साथ, भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है |
इन सब के बाद अंत में पीएम मोदी ने कहा कि आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीतित कर रहा है और यह हमारे देश के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है |