इस वक्त नामीबिया से भारत में आए चीते हर और चर्चा में है और इन चीतो में सबसे ज्यादा चर्चा में है वह मादा चीता जिसका नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा है |
दरअसल आपको बता दें कि उस माता पिता का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा रखा है और वह इस वक्त एक बार फिर से चर्चाओं में है |
आपको बता दे की दो हफ्ते पहले नामीबिया से आठ चीते मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क आये थे इनमे अब आशा ने गर्भवती होकर इस प्रोजेक्ट की सफलता की पहली उम्मीद बांध दी है | यह बात इसलिए भी इतनी महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तर साल बाद हमारे देश में चीते जन्म लेंगे और नन्हें चीतों के आगमन के लिए कुनो नेशनल पार्क भी पूरी तरह से तैयार है |
इन चीतों की देखरेख कर रही टीम के अधिकारियों के अनुसार आशा में वह सभी प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो की एक गर्भवती मादा चीते में होते हैं |
वह साढ़े तीन साल की आशा गर्भवती हो सकती है | क्यूंकि ये संकेत नामीबिया से चीतों को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चीता कन्जर्वेशन फंड की प्रमुख लौरी मार्कर ने भी दिए हैं |उनका कहना है की आशा नामीबिया में प्रकृतिक जंगली वातावरण में रह रही थी, इसलिए उसका गर्भाधान नामीबिया में ही हुआ है |
इसके अलावा उनका कहना है की आशा को गर्भकाल के दौरान पूरी तरह से शांत वातावरण की आवश्यकता होगी और लोगों को उसके आसपास जाने से रोका जाएगा, ताकि उसका तनाव कम हो सके और वह अच्छे चीतों को जन्म दे सके |
फिलहाल नामीबिया से आए 8 चीतों में 3 मादा चीता हैं और इनमें से एक आशा भी शामिल है |
आशा की अब गर्भवती होने से पूरे देश की जनता को खुशी है क्योंकि पूरा देश यह चाहता है कि भारत में भी चीतों की संख्या जल्दी से जल्दी बढ़ जाए |