जब से भारत सरकार ने रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया शुरू की है तभी से यह लग रहा है की अब रुपया तरक्की करने वाला है और जल्दी सारे देशों में चलने वाला है |
जी हाँ, दरअसल आपको बता दे की रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के बाद विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो मुताबिक गई हैं |
सूत्रों के अनुसार सरकार 2047 तक रुपये को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में स्थापित करना चाहती है, ताकि आजादी के 100 साल होने पर भारतीय रुपया भी किसी अन्य करेंसी से कम मूल्यवान नहीं रहे |
इतना ही नहीं आपको बता दे की हाल ही में वित्त मंत्रालय ने भारतीय रुपया को वैश्विक करेंसी में स्थापित करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने पर चर्चा की है | अभी 40 प्रतिशत से अधिक वैश्विक कारोबार अमेरिकी डालर में होता है | फेडरेशन आफ इंडियन आर्गेनाइजेशंस के एक्सपोर्ट अजय सहाय का कहना है कि अब रुपया के माध्यम से जल्द ही रूस के साथ कारोबार शुरू होने वाला है जो कि रुपया को अंतरराष्ट्रीय करेंसी बनाने में सबसे महत्वपूर्ण है |
इसके अलावा सऊदी अरब के साथ भी ऐसी संभावना है की जल्द ही सऊदी अरब से रुपया के जरिए कारोबार शुरू हो सकता है | यह भी निश्चित ही रुपया को अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में आगे बढ़ायेगा | जिसके बाद श्रीलंका, बांग्लादेश, मैक्सिको, ब्राजील जैसे देश भी भारत के साथ रुपये में कारोबार कर सकते हैं |
इसके अलावा निर्यातकों ने बताया कि डालर की तंगी झेल रहे देश रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हो जाएंगे और विदेश व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार रूस और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ भारतीय करेंसी में कारोबार से आयात बिल में राहत मिलेगी |
इन सबके अलावा जिससे आज के टाइम में देश जूझ रहा है पेट्रोल-डीजल उस में भारी कमी आएगी यानी साफ तौर पर गए कि पेट्रोल-डीजल भी सस्ता हो जाएगा और लोगों को डॉलर के घटने या फिर बढ़ने से भारतीय करेन्सी रेट पर कोई ज्यादा असर नहीं होगा |