चैत्र माह नववर्ष का पहला माह होता है। ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ही किया था।इसे विक्रम संवत गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल 12 महीने का होता है, लेकिन इस बार अधिक मास होने के कारण इस नव संवत्सर में 13 महीने होंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि नव संवत चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 22 मार्च दिन बुधवार को है। शनि के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में नव विक्रम संवत 2080 का सूर्य उदय शुक्ल नाम के योग तथा नाग करण में हो रहा है संवत का नाम पिंगल होगा। संवत के वर्ष राजा बुध और उनके मंत्री शुक्र रहेगें वही सेनापति का कार्यभार देव गुरु बृहस्पति संभालेंगे।
बृहत् संहिता के अनुसार वर्ष के राजा बुध होने पर कलाकारों, जादूगरों, खेल-तमाशा दिखावे वाले, गायकों और लेखकों को विशेष लाभ होता है एवं राजाओं (बड़े नेताओं) के व्यवहार में बड़े बदलाव आने से नए समीकरण बनते है।संवत का मंत्री शुक्र के रहने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का प्रभाव बढ़ेगा संवत्सर के वाहन गीदड़ और सियार होंगे।