जनपद न्यायालय परिसर के केन्द्रीय कक्ष में गाँधी जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया।
मथुरा अभी न्यूज़ (संतोष कुमार ) जनपद न्यायालय परिसर के केन्द्रीय कक्ष में गाँधी जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश राजीव भारती तथा प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, डा० विदुषि सिंह द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किये गये। और सभी न्यायिक अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी तथा अधिवक्ता उपस्थित रहे।
अपर जिला जज रामराज द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सम्बंध में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे।
संबोधन—अपर जिला जज रामराज।
जनपद न्यायाधीश राजीव भारती द्वारा कहा गया कि आज 02 अक्टूबर को न सिर्फ हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी व लाल बहादुर शास्त्री जी की 118 वीं जयंती मना रहे हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम महोहनदास करमचंद गाँधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया। यही वजह है कि आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी गाँधी जयन्ती को मनाता है। गाँधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।