23 अक्टूबर तक समय नाजुक राष्ट्रकी सुरक्षा के लिए विशेष रूप से जगदंबा की प्रार्थना करें। 4 ग्रहों के वक्रत्व समय में मनाया जाएगा शारदीयनवरात्र महोत्सव। देश की एवं परिवार की एवं अनेक बीमारियों से गौ माता की सुरक्षा के लिए जगदंबा से प्रार्थना करें ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी।
26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चलेगा नवरात्रि महोत्सव 5 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा। दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान मथुरा के निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी ने बतलाया है कि, शनि गुरु राहु और केतु चार ग्रह वक्र गति से चल रहे हैं। जिसमें शनि ग्रह का वक्र गति से उल्टा चलना महान अशुभ है
23 अक्टूबर तक का समय नाजुक ,9 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में धर्म प्राण जनता का कर्तव्य है कि वह राजराजेश्वरी जगत जननी जगदंबा से अपने देश की सुरक्षा अपने परिवार की सुरक्षा एवं गौ माता की रक्षा के लिए भी प्रार्थना करें। जिससे 23अक्टूबर तक चलने वाले इस नाजुक समय से देश की एकता अखंडता एवं परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।
रुद्रयामल तंत्र के अनुसार नौ शक्तियों से समा युक्त नवरात्रि को ,,नवरात्रं,, माना गया है। नवरात्रि दो प्रकार की होती हैं शयनाख्य और बोधनाख्य जिनको बासंतिक एवं शारदीयनवरात्रि के नाम से जाना जाता है। जो चैत्र मास और आश्विन मास में संपादित होती हैं। बृहत सिद्धांत सार ग्रंथ एवं अन्य धर्म ग्रंथों के आधार पर शरद ऋतु में पूजा अर्चना करने से धर्म अर्थ काम मोक्ष सब कुछ प्राप्त हो जाता है।
स्वयं पार्वती जी शंकर जी से कहती हैं शरद ऋतु में नवरात्र में जो मेरी पूजा अर्चना करता है। मैं उसके लिए प्रसन्न होकर पत्नी धन निरोगता एवं उन्नति प्रदान करती हूं सप्तशती में स्वयं जगदंबा कहती हैं,,,शरद कालेमहा पूजा क्रियते या च वार्षिकी पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर सब कुछ प्रदान कर देती हैं जगदंबा।