संस्कृति विवि में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कैंपस टू में दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग का आयोजन किया गया। योग प्रशिक्षक निर्देशन में संस्कृति विवि के शिक्षकों और अधिकारियों ने सूर्य नमस्कार सहित अनेक योगासनों का अभ्यास किया। योगाभ्यास के बाद ध्यान की अवस्था में देर तक मस्तिष्क को केंद्रित करने का प्रयास किया गया। इस दौरान योग प्रशिक्षक ने ताड़ासन, वृक्षासन, पाद हस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, बज्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, भुजंगासन, मकरासन, उत्तान पाद आसन, अर्ध हलासन, पवन मुक्तासन, शवासन, कपालभाती, अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन, भ्रामरी का भी अभ्यास कराया। कार्यक्रम के संयोजक संस्कृति आयुर्वेद कालेज के प्रिंसीपल डा. मोहनन ने बताया कि विशेष प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इसके बाद 2015 से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने सभी योग साधकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग हमारी सोच, हमारे विचार और क्रिया में सकारात्मक बदलाव लाता है। भारतीय योग व ध्यान से मन में प्रसन्नता आती है तथा योग से जीवन के सर्वांगीण विकास के साथ ही शांति का अनुभव होता है। विश्वविद्यालय की सीईओ डा मीनाक्षी शर्मा ने योगाभ्यास में भाग लेने के साथ कहा कि योग को हमें अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। यदि योग को अपना लिया जाए तो बीमारियां कोसों दूर रहेंगी। योग से जीवन के सर्वांगीण विकास के साथ ही शांति का अनुभव होता है। अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए डीन छात्र कल्याण डा. डी. एस. तोमर ने कहा कि आदिकाल से ऋषि-मुनियों ने सनातन संस्कृति की योग साधना के माध्यम से स्वस्थ्य रहना सिखाया और उनकी इस साधना से शक्ति एवं सफलता के पीछे योग एवं ध्यान रहा है।