संस्कृति विवि में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
संस्कृति विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विवि के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने कुशल प्रशिक्षक की देख-रेख में विवि के सभागार में विभिन्न उपयोगी आसन लगाए और प्रणायाम किया संस्कृति विवि के कैंपस वन स्थित सभागार में सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग अभ्यास किया गया।
विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में संस्कृति आयुर्वेद कालेज के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने परंपरागत तरीके से योग अभ्यास का शुभारंभ कराया। इस मौके पर विशेष योग प्रशिक्षक दिलीपजी ने प्राचीन भारतीय योग विद्या के महत्व और उसके लाभ को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जो अपने जीवन में प्रतिदिन योगाभ्यास करते हैं, वे ताजगी से भरपूर और बीमारियों से दूर रह पाते हैं। यह हमें कार्य करने की शक्ति और मन में प्रफुल्लता देता है। योग प्रशिक्षक दिलीपजी के निर्देशन में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, अधिकारी और कर्मचारियों ने सुबह साढ़े छह बजे से लगभग डेढ़ घंटे तक पादह्स्तासन, अर्ध्द चक्रासन, वज्रासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन व शवासन का अभ्यास किया। साथ ही उन्होंने इन आसनों के लाभों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। प्राणायाम के तहत कपालभांति, नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी का अभ्यास कराया गया। वहीं मन की शांति के लिए ध्यान लगाना भी सिखाया। कार्यक्रम का शुभारंभ ऋग्वेद मंत्र से हुआ तथा समापन शांति मंत्र के पाठ से हुआ।
योगाभ्यास करने वालों में कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी के अलावा संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग के प्राचार्य डा. केके पाराशर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार रवि त्रिवेदी, समन्वयक डा.विधि सिंह, शिक्षिका डा. अंकिता, डा. स्नेहा, प्रो. सरस्वती, प्रो.ब्लेसी जार्ज, डा. करिश्मा, सुश्री रोशनी, सुश्री नीतू, कीर्ति, सौभाग्यो स्मिता, श्रष्ठी, साक्षी, कोमल, सावन, हर्षदीप के अलावा अनेक विद्यार्थी शामिल हुए।