आज दशहरा है और आज आपको दशहरे पर रावण से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो शायद ही आपने कभी सुनी होगी |आप सब ने जब भी रामायण देखी होगी तो आपने शायद नोटिस किया या नहीं, परंतु वहाँ रावण के सिंहासन पर उसके पांव के पास एक व्यक्ति लेटा रहता था और इस शख्स की नीले रंग की स्किन होती है और वो उल्टा लेटा रहता है |
लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि आखिर ये शख्स कौन था, जो रावण के पांव के नीचे उल्टा लेटा था | तो चलिए ऐसे में जानते हैं रावण के सिंहासन के पास जिस शख्स को दिखाया जाता है वह कौन है और इसके पीछे आखिर क्या कहानी है |
दरअसल आपको बता दे की यह शख्स नौ देवों में से एक शनि देव हैं और कहा जाता है कि रामायण में रावण के सिंहासन पर नीले वर्ण के जिस शख्स को दिखाया जाता है, वो शनि देव हैं |
कई कथाओं के अनुसार यह तथ्य तो बहुत कॉमन है कि रावण एक बहुत बड़ा ज्योतिषि था और उसने नौ ग्रहों को बंदी बनाकर अपने अधिकार में ले लिया था |
आपको बता दें कि ज्योतिष विद्या में 9 ग्रहों का अहम योगदान होता है और उनके स्थान के आधार पर ही गणित लगाई जाती है और कहा जाता है कि रावण सभी ग्रहों को अपने पैरों के पास बंदी बनाकर रखता था |
ऐसे में रावण अपने पुत्रों की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अपने कंट्रोल में रखता था और इन 9 ग्रह में जो है, वो नीले रंग के शख्स थे वो थे शनि देव |
कुछ ज्योतिष के अनुसार शनि की दृष्टि से व्यक्ति के जीवन पर काफी असर पड़ता है अब ऐसे में शनि अपनी दृष्टि से रावण की शुभ स्थिति को खराब करने में सक्षम थे और वो इसकी कोशिश करते रहते थे |
जिसके चलते एक बार रावण के पुत्र की कुंडली बनाते वक्त रावण ने सभी ग्रहों का स्थान अपने हिसाब से कर दिया था परंतु शनि बार बार अपना स्थान बदलने की कोशिश कर रहे थे जिससे की रावण के पुत्र अजय नहीं रह पाए तो तब रावण ने शनिदेव को कंट्रोल करने के लिए उन्हें अपने पांव के नीचे दबा कर रखा था |
इसके अलावा अगर शनिदेव की मुक्ति के बारे में बात करें तो जब हनुमान जी लंका में गए थे तो तब उन्होंने लंका दहन के वक्त शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त करवाया था |