कहते है की अंतरिक्ष में भी मलबा जम जाता है जो खराब हो चुके सैटेलाइट्स से लेकर पेंट के गुच्छों तक स्पेस में तैर रहा होता है और जब भी अंतरिक्ष मलबे की बात की जाती है तो चीन का जिक्र होता है |
दरअसल आपको बता दे की अमेरिका और वहां की स्पेस एजेंसी नासा आरोप लगाते रहते हैं कि चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के जरिए स्पेस कचरे को बढ़ा रहा है परंतु आंकड़े बताते हैं कि स्पेस कचरे के मामले में चीन से आगे कई और देश हैं | नासा के पास मौजूद डेटा का इस्तेमाल करते हुए एक विदेशी कंपनी ने उन तमाम देशों की एक लिस्ट जारी की है जो सबसे ज्यादा अंतरिक्ष में कचरा पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं |
सूत्रों के अनुसार इस लिस्ट में सबसे आगे है रूस है | कहा गया है कि रूस की 7 हजार से अधिक रॉकेट बॉडी कचरे के तौर पर पुरे अंतरिक्ष में घूम रही हैं |
इस पुरी लिस्ट में दूसरे नंबर पर अमेरिका है क्यूंकि 5216 स्पेस कचरे के टुकड़ों के साथ अमेरिका अंतरिक्ष में मलबे को बढ़ा रहा है | फिर लिस्ट में नाम चीन का है जो 3845 मलबे के टुकड़ों को अंतरिक्ष में छोड़ा हुआ है जो भविष्य में स्पेस मिशनों के लिए चुनौती बन सकते हैं | जापान और फ्रांस इसमें चौथे और पांचवें नंबर पर हैं और इन्होंने 520 और 117 मलबे के टुकड़े अंतरिक्ष कचरे को बढ़ा रहे हैं |
इन सभी के बाद अब इस लिस्ट में हिंदुस्तान भी आ गया है जो की नंबर 6 पर है | छठी पोजिशन पर मौजूद भारत ने अंतरिक्ष मलबे के रूप में 114 टुकड़ों को वहां छोड़ा हुआ है |
इन सभी देशों द्वारा छोड़े गए टुकड़ों से अंतरिक्ष में बड़ी परेशानियां बढ़ सकती है क्यूंकि भविष्य में मिशन लॉन्च करते समय मलबे के तौर मौजूद ये सभी टुकड़े हमारे सैटेलाइट्स से टकराकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं |
अंतरिक्ष में इस बढ़ते मलबे के कारण पुरे विश्व को इस पर विचार करना चाहिए और इसको रोकने के लिए अहम कदम उठाने चाहिए |